गाजियाबाद: कोरोना संक्रमण से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं. पिछले साल जब देश में कोरोना वायरस आया था, और गाजियाबाद में भी तेजी से इजाफा हुआ था, तब गाजियाबाद प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया था. इसके तहत जिले में स्थित हज हाउस को 500 बेड का अस्थाई आइसोलेशन कोविड सेंटर बनाया जाएगा, लेकिन साल बदल गया कोरोना का कहर पहले से ज्यादा बढ़ने लगा है, पर हज हाउस में अभी तक 500 बेड के बजाए एक बेड भी नहीं आ पाया है. आज हम आपको हज हाउस की हाल के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां पिछले साल तैयारी कराई गई थीं, जो कि इस साल भी अमली जामा नहीं पहन पाई हैं, बेड की तो बात सोचना ही दूर है. 


पिछले साल जब कोरोना वायरस ने कहर बरपाया था, तो गाजियाबाद प्रशासन ने स्कूल और बड़े-बड़े कॉलेजों को भी अस्पताल में बदल दिया था. लेकिन इस बार कोरोना वायरस पहले से ज्यादा भयावर रूप लेकर सामने आया है, लेकिन प्रशासन है कि सिर्फ मीडिया में बयानबाजी के अलावा कुछ भी धरातल पर करने को तैयार नहीं हैं. जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह डराने वाली हैं.


अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि, क्या गाजियाबाद प्रशासन ने जो फैसले लिए थे वह लखनऊ में बैठे अधिकारियों को खुश करने के लिए थे?


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