Haldwani News: हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बने 4600 घर होंगे ध्वस्त, विस्थापन की मांग को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन
हल्द्वानी में रेलवे के अतिक्रमण की जद में आने वाले वनभूलपुरा के लोंगों ने आज विस्थापन की मांग को लेकर हल्द्वानी डीएम कैंप पर प्रदर्शन किया.
Haldwani News: हल्द्वानी में रेलवे के अतिक्रमण की जद में आने वाले वनभूलपुरा के लोंगों ने आज विस्थापन की मांग को लेकर हल्द्वानी डीएम कैंप पर प्रदर्शन किया. वनभूलपुरा के लोंगों की मांग है कि अतिक्रमण हटाने से पहले उनको अन्य जगह विस्थापित किया जाए नहीं तो उनका आशियाना उजड़ जायेगा. गौरतलब है कि हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर बने करीब 4600 भवन जल्द ही ध्वस्त होने जा रहे हैं. बता दें कि जिलाधिकारी नैनीताल ने रेलवे से अतिक्रमण हटाने का एक्शन प्लान मांगा था.
इस अतिक्रमण को हटाने के लिए नैनीताल जिला प्रशासन रेलवे को पुलिस बल मुहैया कराएगा. रेलवे से अतिक्रमण हटाने के लिए 11 अप्रैल यानि आज तक तक एक्शन प्लान मांगा गया है. बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे को भारी संख्या में पुलिस बल की जरूरत होगी इसलिए अतिक्रमण हटाने का काम कई चरणों में किया जाएगा. अतिक्रमण को हटाने में एक महीने से ज्यादा समय लग सकता है. इसलिए बगैर एक्शन प्लान के इस काम को अंजाम देना संभव नहीं है. वनभूलपुरा के लोगों ने रेलवे पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे उन्हें बेदखली का नोटिस देकर परेशान करने का काम कर रहा है. विस्थापन की मांग को लेकर बनभूलपुरा के लोगों ने डीएम नैनीताल को ज्ञापन भी सौपा हैं और नगर निगम हल्द्वानी से अतिक्रमण हटाने से पहले सीमाकन करने की मांग की.
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने कही ये बात
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया, 'जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय में आज वनभूलपुरा में जो रेलवे के अतिक्रमण में जो लोग आ रहे हैं उनके द्वारा मुझे एक ज्ञापन दिया गया है, जिसमें इन्होंने अपने कुछ पुराने साक्ष्यों की बात कही है. ये काफी समय से बसे हुए हैं, और रेलवे का जो चिन्हीकरण है वो प्रॉपर तरीके से नहीं किया गया है. जो ज्ञापन सर को संबोधित है मैं वो डीएम सर को प्रेषित कर रही हूं, इसके अलावा मैने भी लोगों से अपील की है क्योंकि माननीय न्यायालय का निर्णय है तो अपनी बात को वो लोग न्यायालय के समक्ष रखें, न्यायालय से जो भी निर्णय साक्ष्य के आधार पर होगा, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. लगभग 4600 भवन हैं जो अतिक्रमण के दायरे में आ रहे हैं, जिनका चिन्हीकरण रेलवे के द्वारा अभी किया गया है.'
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