Uttarakhand News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी. इस फैसले का स्वागत करते कांग्रेस सांसद और पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि यह न्याय और इंसानियत की जीत है. इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि इस मामले में अब तक उत्तराखंड की बीजेपी सरकार का रुख बहुत खराब रहा है, लेकिन अगर वह ‘सबका अपना पक्का मकान होने’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वादे का सम्मान करेगी तो उच्चतम न्यायालय में लोगों के साथ खड़ी होगी.
प्रतापगढ़ी ने ट्वीट किया, ‘‘ यह न्याय की जीत है, इंसानियत की जीत है. हल्द्वानी के लोगों के सर से छत नहीं छीनी जायेगी, बच्चों के स्कूल नहीं टूटेंगे, अस्पताल नहीं टूटेगा, मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी.शुक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय.’’
बाद में उन्होंने कहा, ‘‘इस पूरे मामले में राज्य की बीजेपी सरकार का रुख बहुत खराब रहा है. हैरत इस बात की है कि कोई राज्य सरकार अपने लोगों के खिलाफ कैसे हो सकती है. वहां सिर्फ चार हजार से अधिक मकान ही नहीं हैं, बल्कि सरकारी स्कूल हैं, सरकारी अस्पताल, सामुदायिक भवन हैं, ब्रिटिशकालीन एक मंदिर है, मस्जिद है, धर्मशाला है.... .’
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर लगाई रोक
इमरान प्रतापगढ़ी ने सवाल किया, ‘‘आप बिना किसी योजना के सबकुछ कैसे उजाड़ सकते हैं?’’कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 2022 तक सबका अपना पक्का मकान होने का वादा किया था. अगर उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के वादे का सम्मान करेगी तो लोगों के साथ खड़ी होगी, हालांकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं है.''
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी में उस 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को रोक लगा दी. रेलवे का कहना है कि उसकी इस 29 एकड़ से अधिक भूमि पर अतिक्रमण है. उच्चतम न्यायालय ने साथ ही रेलवे तथा उत्तराखंड सरकार से हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब मांगा है.
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