Uttarakhand News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा में रेलवे की अतिक्रमण वाली जमीन पर डोर टू डोर सर्वे कार्य शुरू किया गया है. यह सर्वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है, जिसमें रेलवे को बताना होगा कि उसे कितनी जमीन की जरूरत है और अतिक्रमण वाली भूमि पर बसे लोगों के पुनर्वास के लिए क्या किया जा सकता है.


सर्वे के लिए रेलवे के सीमांकन वाले क्षेत्र को छह जोन में बांटा गया है और हर जोन में एक टीम काम करेगी. यह टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी और अतिक्रमण वाली भूमि पर बसे परिवारों और भवनों की जानकारी जुटाएंगी. इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना है कि रेलवे को कितनी जमीन की जरूरत है और कितने लोगों को पुनर्वासित करना होगा.


सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया है कि वह अतिक्रमण वाली भूमि का डिजिटल सर्वे कराए और राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मदद लेकर अतिक्रमण वाली भूमि पर बसे लोगों के पुनर्वास के लिए योजना बनाए. यह सर्वे एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे रेलवे को अपनी जमीन की सुरक्षा करने और अतिक्रमण वाली भूमि पर बसे लोगों के पुनर्वास के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी.


30 हेक्टेयर भूमि का सर्वे


कोर्ट के निर्देश के बाद बनभूलपुरा में रेलवे भूमि का सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है. रेलवे द्वारा 30 हेक्टेयर भूमि पर प्रारंभिक सर्वे किया जा रहा है. प्रशासन और नगर निगम की 6 टीम रेलवे के साथ अतिक्रमण की गई 30 हेक्टेयर भूमि का सर्वे कर रही है इस भूमि पर 4000 से ज्यादा मकान बनाये गए है. सर्वे के दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा. नोडल अधिकारी विशाल मिश्रा ने एबीपी लाइव को बताया कि प्रशासन की तरफ से रेलवे को सहयोग करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार के नेतृत्व में 6 टीमों का गठन किया गया है.


शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल भी तैनात


इसके साथ ही शांति व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है. शुरुआती दौर में बताया जा रहा है कि अगले 15 दिन तक बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की भूमि में किए गए अतिक्रमण का सर्वे कार्य किया जाएगा. जिसमें भवन संरचनाएं, पानी के कनेक्शन, बिजली के कनेक्शन और सरकारी भवन सहित संबंधित क्षेत्र का चिन्हीकरण व गूगल कोऑर्डिनेट सहित विभिन्न माध्यम से संपूर्ण सर्वे का काम किया जा रहा है.


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