Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की हल्द्वानी विधानसभा सीट पर इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होने जा रही है. बीजेपी से जोगेंद्र रौतेला और कांग्रेस से सुमित हृदेश को मैदान में उतारा गया है. जोगेंद्र रौतेला दो बार से हल्द्वानी के मेयर भी हैं और उनकी अच्छी पकड़ी मानी जाती है लेकिन वहीं अगर कांग्रेस की और से सुमित हृदेश मैदान में हैं. सुमित हृदयेश उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे हैं और इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. तो आम आदमी पार्टी से समित टिक्कू मैदान में हैं. इस बार हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र की जनता किसे अपना विधायक चुने जा रही है, यह 14 फरवरी को जनता साफ कर देगी.
हल्द्वानी विधानसभा सीट उत्तराखंड में नैनीताल जिले में आती है. हल्द्वानी को उत्तराखंड कुमाऊं का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. इतना ही नहीं, हल्द्वानी को राज्य की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है. अभी तक हल्द्वानी विधानसभा सीट से चार में से तीन चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. हल्द्वानी विधानसभा सीट से 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर इंदिरा हृदयेश ने जीत दर्ज की थी. इस दौरान इंदिरा हृदयेश ने 23 हजार वोट के अंतर से बीजेपी के बंशीधर भगत को हराया था. लेकिन 2007 के विधानसभा चुनावों में हल्द्वानी सीट पर बीजेपी के बंशीधर भगत ने कांग्रेस की इंदिरा हृदयेश को तकरीबन 39 हजार वोट के अंतर से हराया था. लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की इंदिरा हृदयेश एक बार फिर से विधायक बनी थी.
जानिए- क्या है जातीय समिकरण?
हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश हिस्सा शहरी क्षेत्र में आता है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी आता है. जातीय समीकरण की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में ठाकुर और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग निर्णायक भूमिका में रहते हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम की निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
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