Haldwani Violence: उत्तराखंड में कुछ महीने पहले हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हिंसा भड़की थी. जिसमे कुछ लोगो की जान गई थी और कई लोग घायल हुए थे. जिनमे कई पुलिस कर्मी भी थे. इस घटना को लेकर अब नैनीताल हाई कोर्ट ने नैनीताल के डीएम और एसएसपी से जवाब तलब किया है.घटना को बीते कई महीने हो चुके है. जबकि अभी भी इस मामले में दर्जनों लोग जेल में है. अब नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मामले मैं अधिकारियों से जवाब तलब किया है.


बता दें कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर निर्मित मस्जिद और स्कूल हटाने के दौरान हुई घटना में दो लोगों की मौत और घायलों को मुआवजा देने के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित सुनवाई की उस मामले में  मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल की जिलाधिकारी से जवाब पेश करने को कहा है, बता दें कि इस घटना में कई लोगों की मौत हुई थी जब की दर्जनों लोग घायल हुए थे.


मुआवजा के लिए दिए गया प्रार्थना पत्र
अब इस मामले में कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि वो अधिकारी कौन थे. जिन्होंने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के बावजूद बिजली, पानी और राशन कार्ड जारी किए. उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया गया. अब जब उन्हें वहां रहते हुए कई दशक हो गए हैं. तब उनके आशियाने तोड़े जा रहे है. ये कैसी इंसानियत है. इस मामले के अनुसार, उच्च न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के 19 फरवरी 2024 के पत्र का स्वतः संज्ञान लिया है, इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास घटना के दौरान मृत और घायलों को मुआवजा देने के प्रार्थना पत्र दिए गए थे.


क्या कहा गया प्रार्थना पत्र में
इस प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि घटना के समय दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी थी. जबकि दो लोगों को गम्भीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घटना के बाद दोनों मृतकों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लिहाजा उनके परिजनों को सरकार की 2020 नियमावली के अंतर्गत मुआवजा दिया जाए. गम्भीर रूप से घायल लोगों को भी मुआवजा मिले, खंडपीठ ने अब इस मामले में नैनीताल के जिलाधिकारी और एस.एस.पी.को जवाब देने के निर्देश दिए हैं.


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