Haldwani Violence Live Highlights: हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 5 उपद्रवी गिरफ्तार, CCTV फुटेज से हो रही आरोपियों की पहचान
Haldwani Violence Live Highlights: उत्तराखंड एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने कहा कि हलद्वानी हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
एडीजी ने कहा कि बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू अभी लागू है. उन्होंने कहा कि हालांकि, निवासियों को समय-समय पर आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी जा रही है. उन्होंने बताया कि काठगोदाम तक रेल सेवाएं भी बहाल कर दी गयी हैं.
हल्द्वानी में कल रविवार (10 फरवरी) सुबह तक कर्फ्यू प्रभावित इलाका छोड़कर इंटरनेट सेवा बहाल होंगी. हल्द्वानी के बनभूलपुरा में DM के निर्देश पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. रविवार को होने वाली परीक्षा अपने निर्धारित स्थल और समय पर होगी. कर्फ्यू प्रभावित क्षेत्रों में आम लोगों को आपात स्थिति में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो स्वास्थ्य विभाग ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनका नाम और फोन नंबर डा एन सी तिवारी, एसीएमओ 9410167445 और डा अजय, डिस्ट्रिक्ट इम्मुनाइजेशन अधिकारी 9412120155 है.
हल्द्वानी हिंसा के बाद थाना बनभूलपुरा और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए कर्फ्यू में नरमी बरती गई है. जिला प्रशासन द्वारा लोगों को दूध, राशन, दवाइयां आदि आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा मामले में नैनीताल पुलिस ने 5 उपद्रवी गिरफ्तार किए हैं. CCTV और अन्य साक्ष्यों के आधार पर इन 5 अभियुक्तो की गिरफ्तारी की गई है. बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्र से कर्फ्यू हटा दिया गया है. वहीं अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गई है, जो गिरफ्तारी के लिए कार्य कर रही हैं. नैनीताल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उपद्रवियों के नाम महबूब आलम पुत्र अब्दुल रउफ निवासी लाईन नं0-16, बनभूलपुरा, जिशान परवेज पुत्र स्व० जलील अहमद निवासी वार्ड नं-21 इन्द्रानगर लाईन नम्बर-14, बनभूलपुरा, अरशद पुत्र अमीर अहमद निवासी लाईन नं -12, बनभूलपुरा, जावेद सिद्दकी पुत्र स्व० अब्दुल मोइन निवासी लाईन नं-17, बनभूलपुरा और अस्लम उर्फ अस्लम चौधरी पुत्र स्व० इब्राहिम निवासी लाइन नं-3, बनमूलपुरा हैं.
जांच आदेश में कहा गया है कि बनभूलपुरा में हुई हिंसक घटना को लेकर मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जा रहा है. इस घटना की निष्पक्ष मजिस्ट्रेट जांच कराकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपी जाए. इस आदेश की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक देहरादून, जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को भी सौंपा गया है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा. हम दंगाइयों पर इतनी सख्त कार्रवाई करेंगे कि यह कार्रवाई भविष्य के लिए मिसाल बन जाएगी.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा. हम दंगाइयों पर इतनी सख्त कार्रवाई करेंगे कि यह कार्रवाई भविष्य के लिए मिसाल बन जाएगी.
हल्द्वानी हिंसा घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "जिसने भी कानून तोड़ने का काम किया है कानून उसके साथ सख्ती से काम करेगा. हम दंगाइयों को नहीं बख्शेंगे."
उत्तराखंड सरकार इस मामले को लेकर सख्त नजर आ रही है. सरकार की तरफ से इस घटना की उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. उत्तराखंड शासन की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसको लेकर कुमायूं मंडल नैनीताल के आयुक्त को निर्देशित किया है.
प्रह्लाद नारायण मीणा (एसएसपी नैनीताल) ने कहा, "अब तक तीन FIR दर्ज की गई हैं और 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हमारी टीम मामले में बाकी आरोपियों की पहचान कर रही है. हम अब्दुल मलिक की तलाश कर रहे हैं, जो इस मामले में एक नामित आरोपी है."
शहर में इंटरनेट पर रोक है. बनभूलपुरा में हुई हिंसक घटना के बाद अब पुलिस ने उपद्रवियों और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में 19 को नामज़द किया है और 5,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.
उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के अंतगर्त पड़ने वाले हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा में 8 जनवरी को जमकर उपद्रव मचा. इसमें कई गाड़ियों को उपद्रवियों ने फूंक दिया. पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए गए. पुलिस के कई जवान इस घटना में घायल हो गए. इस घटना में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही इस हिंसक घटना में 300 से ज्यादा लोगों को चोटें आई हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून-व्यवस्था ए.पी. अंशुमन ने कहा है कि काठगोदाम तक रेल सेवाएं भी बहाल कर दी गयी हैं. अभी कहीं से भी किसी और अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
एडीजी ने कहा कि बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू अभी लागू है. हालांकि, निवासियों को समय-समय पर आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी जा रही है. सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून-व्यवस्था ए.पी. अंशुमन ने बताया कि बृहस्पतिवार की हिंसा में शामिल पांच लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है और तीन प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं.
शहर के बाहरी इलाके में दुकानें शनिवार को खुलीं लेकिन स्कूल बंद हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून-व्यवस्था ए.पी. अंशुमन ने हल्द्वानी में डेरा डाला हुआ है. उन्होंने बताया, ‘‘प्रभावित इलाके में लगातार गश्त की जा रही है और स्थिति नियंत्रण में है.’’
हल्द्वानी हिंसा के मामले में एक्शन जारी है. अब मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. कुमाऊं कमिश्नर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. उनसे इस जांच की रिपोर्ट 15 दिनों में देने के लिए कहा गया गया है.
उत्तराखंड के हिंसाग्रस्त हल्द्वानी शहर के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन बनभूलपुरा क्षेत्र में यह लागू रहेगा जहां बृहस्पतिवार को एक अवैध मदरसे को तोड़े जाने को लेकर भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी.
हल्द्वानी घटना पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था अंशुमान ने कहा, "हल्द्वानी में हालात बिल्कुल सामान्य हैं. बाहरी क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा दिया गया है. केवल बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है. पूरे प्रकरण में 3 FIR दर्ज़ की गई है जिसमें 16 लोगों को नामजद किया गया है बाकी अज्ञात हैं. 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस लगातार दबिश दे रही है."
हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है. देहरादून, हरिद्वार, रामनगर, उधम सिंह नगर सभी जगह पुलिस को 24 घंटे अलर्ट पर रहने के साथ ही किसी भी ऐसी घटना से निपटने के लिए अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं.
हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद वहाँ शांति और सुरक्षा व्यवस्था फिर से बहाल करने तथा दोबारा ऐसी स्थिति ना बने इस पर नज़र बनाए रखने के लिए हल्द्वानी शहर को सात जोनों में बांट दिया गया है. इसके लिए मजिस्ट्रेट और अधिकारियों को अग्रिम आदेश तक के लिए तत्काल तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'उत्तराखण्ड राज्य के हल्द्वानी में हुई हिंसा और उसमें जान-माल की हुई क्षति अति-चिन्तनीय. अगर सरकार, प्रशासन व खूफिया तंत्र सतर्क होता तो इस घटना को रोका जा सकता था. सरकार इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराए तथा अमन-चैन भी कायम करें.'
पुलिस ने 5 लोग को अरेस्ट किया है, अभी तक किसी के नाम की पुष्टि नहीं हुई है. हल्द्वानी में फोर्स बढ़ा दी गई है. 1500 के करीब पुलिस के जवान तैनात हैं. नैनीताल जिले की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. 5 उपद्रवियों की मौत की पुष्टि की गई है.
हल्द्वानी हिंसा मामले में 3 FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें 1 दर्जन नामजद और 5000 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है. जो सरकारी संपत्ति बर्बाद हुई है, उसे उपद्रवियों से वसूला जाएगा. वहीं अगले आदेश तक हल्द्वानी में कर्फ्यू जारी रहेगा और पूरे जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. सुरक्षा के लिहाज से 1000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं.
नैनीताल के एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि "हल्द्वानी में स्थिति हमारे नियंत्रण में है, हमारी स्थानीय फोर्स के साथ-साथ सीएपीएफ भी तैनात की जा रही है. हमने एफआईआर दर्ज कर ली है, हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और सबूत एकत्र किए जा रहे हैं." हल्द्वानी में कुल 1200 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. आज दोपहर 2 और मौत के मामले सामने आए हैं, शव कल ही बरामद कर लिए गए थे. हम देख रहे हैं कि उनकी मौत कैसे हुई, पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा कि उनकी मौत कैसे हुई. दंगे के बाद 4 शव बरामद हुए थे."
बीजेपी राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने हल्द्वानी की घटना पर कहा, "हल्द्वानी की घटना एक साजिश है. बम, देशी पिस्तौल और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया और सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला किया गया. दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश होना चाहिए, उनके साथ नरमी बरतने की कोई जरूरत नहीं है."
उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया. पीटीआई के अनुसार नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गुरुवार को हुई हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा के हालात का जायजा लेने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचीं. जिलाधिकारी नैनीताल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिये गए हैं. प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को आम जनता की सुरक्षा एवं शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के सख्त निर्देश हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.
हल्द्वानी हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं इस घटना को लेकर हल्द्वानी के विधायक सुमित हिरदेश और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कारण माहरा ने अधिकारियों पर दंगा बढ़ाने का आरोप लगाया है.
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर कहा- "भाजपा सरकार और प्रशासन की विफलता से भड़की हिंसा! हल्द्वानी में जनता के साथ अन्याय कर रही सरकार, हिंसा में हुई लोगों की मृत्यु, हृदयविदारक. मृतकों की आत्मा को शांति दे भगवान. हिंसा को जल्द से जल्द काबू करें सरकार, पीड़ितों को मिले मुआवजा.
उत्तराखंड के हल्द्वानी में धारा 144 लागू कर दी गई है, पूरे इलाके को घेरा जा चुका है. पुलिस के लगभग 1 हजार जवान शहर में तैनात है. इसके साथ में पैरामिलिट्री फोर्स को भी बुलाया गया है. पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया की काफी उपद्रवी पकड़े जा चुके हैं और इनके साथ वो लोग भी मौजूद हैं, जिन्होंने दंगा बढ़ाने में आग में घी का काम किया. फिलहाल हल्द्वानी में इंटर नेट सेवा बंद है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश हैं.
हल्द्वानी पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "न्यायलय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा था. अतिक्रमण हटाने के दौरान हमला हुआ है. कल हमारी महिलाकर्मियों को मारा पीटा गया है, पत्थरों और बंदूकों से उन पर हमला किया है. इसके बारे में जितना खराब कहा जाए वे कम है. उत्तराखंड देवभूमि है, यहां कभी ऐसा नहीं हुआ है, इन्होंने देवभूमि की हवा खराब करने का काम किया है. पत्रकारों के साथ मारपीट हुई है, बुरी तरह से उनके कैमरे तोड़े गए हैं. पत्रकारों को जिंदा आग में झोंकने तक का प्रयास किया गया है. कानून अपना काम करेगा, जिन लोगों ने भी सरकारी संपत्ति जलाई है उनपर कार्रवाई की जाएगी."
हल्द्वानी में अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, इसके साथ ही पुलिस के जवान भी घायल हुए थे. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी पहुंचकर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की है.
उत्तराखंड पुलिस बनभूलपुरा में हुई हिंसा के उपद्रवियों और पत्थरबाजों की पहचान मौके से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर रही है. पुलिस की त्वरित कार्रवाई से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. एहतियात के तौर पर हलद्वानी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. आज सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उपद्रवियों और दंगाइयों को तुरंत सलाखों के पीछे भेजा जाए.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद पूरे उत्तराखंड को हाईलाइट किया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दंगाइयों से शक्ति से निपटने के निर्देश दिए हैं हरिद्वार में भी पुलिस प्रशासन पूरा सतर्क नजर आ रहा है. जुमे की नमाज को देखते हुए पुलिस द्वारा निगरानी रखी जा रही है. हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसपी ने उत्तर प्रदेश से सटे उत्तराखंड के बॉर्डर सहित संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिए. (रोहित सिखौला का इनपुट)
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा, "हमने यहां बैठक की और स्थिति का पूरा निरीक्षण किया.सरकार का भी यही विचार है कि शांति व्यवस्था बहाल की जाएगी, जो देश का कानून है वो लागू किया जाएगा.जल्द से जल्द हल्द्वानी में स्थिति सामान्य की जाएगी. मेरा सभी नागरिकों से अपील है कि वह कोई भी अफवाह न फैलाएं और शांति बनाए रखें."
हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में भड़की हिंसा पर डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि 'मुख्य सचिव, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ मैंने क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया और घटनाओं के क्रम को समझने के लिए एक बैठक की. इसके बाद हम घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गए. जिला प्रशासन से मिले फीडबैक के बाद हमारी दो प्राथमिकताएं हैं- 24 घंटे के भीतर हलद्वानी शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना और दूसरा, सभी उपद्रवियों की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना.'
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा, "हम लोग पहले पूरी स्थिति को अच्छे से अध्ययन करेंगे और फिर उसके क्या लीगल बिंदु है वो देखेंगे. सरकार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होगी तो जो भी उसमें दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हम स्थिति का पूरा अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी देंगे....दंगाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी. "
हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद आईजी पुलिस निलेश आनंद भरने ने कहा है कि बनभूलपुरा में अदालत के आदेश पर कार्रवाई की गई है. अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं 50 से ज्यादा लोग घायल है. अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई लोगों से पूछताछ जारी है.
हल्द्वानी हिंसा के बाद यूपी में सुरक्षा व्यवस्था पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "सब व्यवस्थित है चाक चौबंद है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है. हर स्थिति के लिए हम तैयारी हैं."
बनभूलपुरा में हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान हल्द्वानी पहुंचे.
यूपी डीजीपी के आदेश के अनुपालन स्वरूप कानपुर में भी अलर्ट है. जुमे की नमाज पर पुलिस फोर्स और बड़े अधिकारी सड़कों पर हैं. सभी डीसीपी, एसीपी अपने अपने जोन व क्षेत्र में पैदल मार्च कर रहे हैं. पूरे शहर सहित सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर है.
उत्तराखंड स्थित हल्द्वामी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में भी पुलिस ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. यूपी पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि हल्द्वानी में हिंसा के बाद प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उत्तराखंड की सीमा से सटे हुए जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई है. इसके अलावा सभी जिलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
हल्द्वानी में हुए उपद्रव और हिंसा के बाद कानपुर में भी पुलिस अलर्ट पर है. जुमे की नमाज पर पुलिस फोर्स और बड़े अधिकारी सड़कों पर तैनात हैं. सभी डीसीपी और एसीपी अपने अपने जोन व क्षेत्र में पैदल मार्च कर रहे हैं. पूरे शहर सहित सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर है.
हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. शहर के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 100 लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की तथा अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए.
वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया. उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया. थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा. पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.''
हल्द्वानी हिंसा पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "ये चिंताजनक है लेकिन उत्तराखंड सरकार और वहां की पुलिस प्रशासन स्थिति को संभाल लेगा और जो दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
नैनीताल के जिलाधिकारी ने कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, "हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको एकत्र किया जा रहा है. साथ ही नुकसान की भरपाई दंगाइयों को ही करना होगा. घटना के बारेे में और जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे."
नैनीताल जिला प्रशासन ने बताया कि बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं है. प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपूरा इलाके में नगर निगम ने पहले मदरसा और मस्जिद ढहाया फिर महिलाओ पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज किया, जो भाजपा सरकार की गंदी सोच को दर्शाती है. भाजपा सरकार खुद अपने दामन में झांककर देखे कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिये गये नारे "सबका साथ-सबका विकास" का खुलेआम कत्लेआम कर रहें हैं. आखिर धीरे-धीरे भाजपा की नफरती सोंच की झलक दिखने ही लगी है. उत्तराखंड सरकार के इस कुकृत्य की घोर निंदा करता हूँ.
हल्द्वानी हिंसा पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "किसी को भी अपने हाथ में कानून लेना का अधिकार नहीं है चाहे धार्मिक स्थिति हो या कोई और कारण हो. उत्तराखंड में उत्तराखंड की सरकार सक्षम है, अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो उससे निपटने की तैयारी भी सरकार ने कर ली है."
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा पर कहा कि यह वाकई चिंताजनक है. उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन उपद्रवियों से निपटेगा. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है.”
हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. हल्द्वानी की घटना के बाद प्रदेश भर की पुलिस अलर्ट मोड पर है. देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर जिलों के कप्तान अलर्ट हैं. सभी थाना कोतवालों को संवेदनशील इलाकों में नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. देहरादून SSP ने भी शहर भर में पुलिस का मूवमेंट बढ़ा दिया है संवेदनशील इलाकों में लगातार पुलिस नेनजर बनाए रखी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को निर्देश दिए हैं कि घायल पत्रकारों का उपचार प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. उन्होंने घायल पत्रकारों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, "हमेशा से शांत और आगे बढ़ती हुई हल्द्वानी आज अगर उबाल रहा है, तो ये चिंता का विषय है. हल्द्वानी हम सबका अभिमान है, हमारी शान है, उत्तराखंड की शान है, हमारी कॉमर्शियल कैपिटल है. मैं सभी लोगों से प्रार्थना करना चाहूंगा कि शांति-सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करें और शांति लाएं. किसी तरह की उत्तेजक गतिविधि से हर व्यक्ति परहेज करें. प्रशासन भी और जनता भी शांति की तरफ आगे बढे."
हल्द्वानी के वनभूलपुरा मामले में हुई आगजनी और पथराव की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ट नेता हरीश रावत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि हल्द्वानी के हालात से हम सभी चिंतित हैं. हल्द्वानी का इतिहास प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का रहा है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा दंगाइयों और उपद्रवियों के विरुद्ध करेंगे कठोरतम कार्रवाई हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना के संबंध में शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की. पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. आगजनी पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है, सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा. हल्द्वानी की सम्मानित जनता से अनुरोध है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें.
वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है. भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी. तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए. किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की. यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था. शाम को फिर से ब्रीफिंग की जाएगी.'
वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए. कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया. यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी."
बैकग्राउंड
Haldwani Violence Live Highlights: हल्द्वानी के वनभूलपुरा के मलिक के बगीचे में बनी अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने गए प्रशासन और पुलिस के साथ ही मीडियाकर्मियों पर गुरुवार शाम मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें कई पुलिस और मीडियाकर्मी बुरी तरह घायल हो गए. हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में भीड़ ने गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है.
अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़क उठी थी. जिलाधिकारी के आदेश पर बनभूलपुरा में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. उत्तराखंड एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने कहा कि हलद्वानी हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उत्तराखंड सरकार ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया है.
नैनीताल डीएम वन्दना सिंह ने कहा है कि आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए. कुछ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया.
घटना में घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. पुलिस के मुताबिक, स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है. सभी संवेदनशील इलाकों पर पुलिस की कड़ी नजर है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है.
वनफुलपुरा में फैले तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए देहरादून में भी अब प्रशासन अलर्ट पर आ गया है. डीआईजी ने कहा, "हमारे पास इस पूरे घटनाक्रम की अलग अलग फुटेज है, इस घटना के पीछे जो भी उपद्रवी तत्व हैं, उनको चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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