Haldwani Violence News: उत्तराखंड स्थित हल्द्वानी में गुरुवार शाम हुई हिंसा के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब अभी तक शायद ही किसी के पास हो. हिंसा के बाद प्रशासन, पुलिस और सरकार तीनों एक्टिव हो गए लेकिन क्या उसके पहले उनके पास इस हिंसा के संदर्भ में कोई इनपुट नहीं था?
हल्द्वानी हादसे के बाद तीन प्रमुख सवाल लोगों के जेहन में तैर रहे हैं.पहला सवाल यह कि हिंसा की आग किसने भड़काई? इसका मास्टरमाइंड कौन? डीएम वंदना सिंह ने कहा कि यह सब प्लानिंग के साथ हुआ. ऐसे में दूसरा सवाल यह उठता है कि अगर हिंसा की साजिश थी तो इसकी भनक क्यों नहीं लगी?
इस हिंसा के बाद एसएसपी ने कहा कि हिंसा में 15-20 लोग शामिल थे. ऐसे में तीसरा और अहम सवाल यह कि पुलिस-प्रशासन, खुफिया विभाग नाकाम क्यों साबित हो गया?
अब तक क्या एक्शन हुआ?
हल्द्वानी हिंसा के बाद सरकार,प्रशासन और पुलिस एक्शनमें आए.उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए.इसके बाद 4 कंपनी पैरा मिलिट्री की तैनाती की गई. वहीं9 कंपनी PAC के जवान भी मुस्तैद हैं. इसके साथ ही दूसरे जिलों की पुलिसभी बुलाई गई है.
फिलहाल ये है हल्द्वानी का हाल
हल्द्वानी में फिलहाल कर्फ्यू है और शिक्षण संस्थान बंद हैं. इसके अलावा इंटरनेट सर्विस बंद और नमाज के लिए जुटने पर रोक लगा दी गई है.
हल्द्वानी हिंसा का असर ये है कि पूरे उत्तराखंड में हाई अलर्ट है औऱ प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड पर है. इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर में चौकसी बढ़ा दी गई है. संवेदनशील इलाकों पर भी खास नजर है.
इन सबके बीच डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि 'मुख्य सचिव, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ मैंने क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया और घटनाओं के क्रम को समझने के लिए एक बैठक की. इसके बाद हम घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गए. जिला प्रशासन से मिले फीडबैक के बाद हमारी दो प्राथमिकताएं हैं- 24 घंटे के भीतर हलद्वानी शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना और दूसरा, सभी उपद्रवियों की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना.'