Haldwani Violence: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में एक मदरसे पर बुलडोजर एक्शन को लेकर हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में कई लोगों ने अपनी जान गवां चुके हैं तो वहीं लगभग 100 से अधिक लोगों घायल हो गए. गुरुवार (8 फरवरी, 2024) को जब पुलिस प्रशासन की टीम कार्रवाई के लिए बनभूलपुरा क्षेत्र में बने मदरसे और मस्जिद को हटाने के लिए पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया.


अब रविवार (11 फरवरी) को केंद्र की तरफ से भारी संख्या में पहुंची पैरामिलिट्री फोर्स भेजी गई है. इसके साथ ही एक प्लाटून पैरामिलिट्री फोर्स हल्द्वानी पहुंची है और चार अन्य प्लाटून पैरामिलिट्री फोर्स थोड़ी देर में हल्द्वानी पहुंचेगी. हल्द्वानी में हालात इतने ज्यादा गंभीर हो गए कि प्रशासन को मामले को शांत करने के लिए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी करना पड़ा. वर्तमान में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए केंद्र की तरफ से पैरामिलिट्री फोर्स रवाना की गई है. दंगा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा में इनकी तैनाती की जाएगी. फिलहाल दंगा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा में पूरी तरह से कर्फ्यू लगाया गया है. 


क्या है पूरा मामला ?


दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक के बगीचे में 'अवैध' रूप से निर्मित एक मदरसा और नमाज स्थल मौजूद था. पीटीआई के मुताबिक, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि इस स्थल के पास तीन एकड़ जमीन मौजूद थी, जिसे नगर निगम ने पहले ही कब्जे में कर लिया था. इसके बाद अवैध मदरसे और नमाज स्थल को सील कर दिया. उन्होंने बताया कि गुरुवार (8 फरवरी) को अवैध मदरसे और नमाज स्थल को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया.


वहीं, जैसे ही अवैध मदरसे को ढहाया गया, वैसे ही हिंसा की शुरुआत हो गई. एसएसपी प्रहलाद मीणी ने बताया कि मदरसा और मस्जिद अवैध रूप से अतिक्रमित सरकारी भूमि पर बनाए गए थे. इन दोनों ही जगहों को ढहाने से पहले अदालत के आदेश का पालन करते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया. हालांकि, पुलिस और पीएससी की मौजूदगी के बाद भी हालात बेकाबू हो गए और पथराव की शुरुआत हो गई. फिलहाल हालात काबू में है. पुलिस नजर बनाई हुई है. 


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