Hamirpur News: हमीरपुर (Hamirpur) की रहने वाली महिला सिपाही राधा 22 साल पहले ड्यूटी के दौरान बिना वर्दी गायब हो गई थी, तब से उसका भाई 22 हजार प्रार्थना पत्र शासन, प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों को दे कर गुम हुई बहन को ढूंढने की गुहार लगा चुका है पर आज तक यूपी पुलिस अपनी ही महिला सिपाही राधा को ढूंढने में नाकाम रही है. इतना ही नहीं राधा की जगह उसके भाई को न तो अनुकंपा में नौकरी मिली है और न ही उसके फंड आदि के रुपए मिले हैं.
राधा को ढूंढने में उसकी बड़ी बहन और दो भाई थक हार गए है और हताश, निराश होकर आगामी 26 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में आत्मदाह करने की घोषणा कर रहे हैं. पुलिस अपने विभाग की महिला कांस्टेबल का बाइस साल बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लगा सकी. झांसी में तैनात हुई हमीरपुर की राधा धुरिया जिंदा है या मुर्दा, यह कोई नहीं जानता है. राधा का दिव्यांग छोटा भाई दुर्गा आज भी बहन की खोज के लिए अधिकारियों की चौखट नापता घूम रहा है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, हमीरपुर की रहुनियां धर्मशाला मोहल्ला निवासी राधा धुरिया झांसी के नवाबाद थाना में कांस्टेबल पद पर तैनात थी. 26 जनवरी 2000 को वह जालौन जिले के डकोर गांव के लिए निकली थी, तभी से वह लापता है. इस महिला सिपाही की तलाश में पुलिस के रुचि न लेने से बाइस साल बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं चल सका. राधा का दिव्यांग छोटा भाई दुर्गा का कहना है कि सम्मान तामील कराने गई राधा के बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना था कि वह इलाहाबाद गई थी.
इस मामले में भाई झांसी के पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से लगातार प्रार्थना पत्र देकर बहन को खोजने की फरियाद करता चला आ रहा है. मगर उसके लापता होने के बाइस साल बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका. जिसके गम में उसकी मां और पिता स्वर्ग सिधार चुके है. भागदौड़ में उसका घर तक बिक गया और वह दुर्घटना का शिकार होकर दिव्यांग हो गया. अब वह बेघर होने के बाद भी बहन की तलाश के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटाता घूम रहा है. मगर उसकी कोई सुनने वाला नहीं है. अब हताश निराश हो कर महिला सिपाही के परिजन 26 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में आत्मदाह करने की बात कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें:-