Hamirpur News: हमीरपुर पुलिस ने महिला की हत्या और परिवार के लोगों के अपहरण के मामला खुलासा कर दिया है.  21 सितंबर की रात कानपुर के गुजैनी से चित्रकूट दर्शन को चले सूरज यादव के परिवार को चलती कार में जान से मारने की कोशिश करने वाले भाड़े के हत्यारे थे. इस घटना में मारी गई सूरज की पत्नी अमन उर्फ मीनू के भाई धर्मेंद्र ने पूरे परिवार के खात्मे की सुपारी दी थी. दस लाख में सौदा तय हुआ था. बहन के साले संग प्रेम प्रसंग और बाद में घर से भागकर शादी रचाने से भाई अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहा था. इधर, बहन की एक बार फिर से परिवार से नजदीकियां बढ़ रही थी. डेढ़ साल से घटना का तानाबाना बुना जा रहा था. जिसे 21 सितंबर की रात अंजाम दिया गया. अभी भी मुख्य हत्यारोपी पकड़ से दूर हैं.


पुलिस अधीक्षक डॉ.दीक्षा शर्मा ने बताया कि, कानपुर नगर के थाना चौबेपुर के मदारीपुर गांव निवासी छोटेलाल यादव के पुत्र सूरज सिंह ने वर्ष 2010 में अपनी बहन विमला की ननद अमन उर्फ मीनू से घर से भागकर शादी की थी. यह बात अमन के भाई धर्मेंद्र को काफी खली थी. शादी के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से अमन की अपने परिवार से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं. धर्मेंद्र को बहन का साले सूरज संग भागकर शादी करना और पुन: परिवार के करीब आना जरा भी रास नहीं आ रहा था. लिहाजा धर्मेंद्र ने न सिर्फ बहन बल्कि उसके पति और बच्चों को भी रास्ते से हटाने की योजना बना डाली.


हत्या के लिए दी थी दस लाख की सुपारी
एसपी के अनुसार डेढ़ साल से इस योजना पर काम हो रहा था. धर्मेंद्र ने ही त्रिभुवन चाचा उर्फ चतुर, वीर सिंह जैसे हार्डकोर क्रिमिनल से संपर्क कर उन्हें इस काम के एवज में दस लाख रुपए की सुपारी देने की पेशकश की थी. सूरज के गुजैनी वाले घर के पड़ोस में इसी योजना के तहत चतुर को किराए का घर दिलाया गया था. चतुर ने सूरज से दोस्ती बनाई और उसका विश्वास हासिल कर लिया. एक बार सूरज चतुर के साथ चित्रकूट की यात्रा कर चुका था. लिहाजा दूसरी बार भी चतुर को सूरज को परिवार संग यात्रा करने को तैयार करने में ज्यादा देर नहीं लगी.


21 सितंबर को गुजैनी से निकले सूरज के पूरे परिवार को राठ-उरई मार्ग पर कार में सवार चतुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर गला घोंटकर मारने की कोशिश की. सूरज चलती कार से कूद गया. जबकि उसका 10 वर्षीय पुत्र शिव उर्फ रामजी और तीन वर्षीय पुत्री परी बच गए थे. अमन उर्फ मीनू का गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और लाश को जरिया थानाक्षेत्र के गोहांड कस्बे के पास झाड़ियों में फेंका गया था. घटना के अगले दिन कार चालक की निशानदेही पर पुलिस ने मृतका का शव बरामद किया था. 


इस घटना के खुलासे में पुलिस की कई टीमें लगी हुई थी. पुलिस को शुरुआत से ही इस वारदात का उद्देश्य नहीं पता चला रहा था. इस दरम्यान कुछ संदिग्धों को पुलिस ने उठाया. एक-एक करके कड़ियां जोड़ी गई, तब इस घटना के सही कारणों तक पुलिस पहुंच सकी. भाई धर्मेंद्र ने अपने परिवार की झूठी शान के चक्कर में अमन उर्फ मीनू को शादी के 14 साल बाद परिवार से सहित जान से मारने की भाड़े के हत्यारों को सुपारी दी थी. पुलिस अभी इस घटना में शामिल त्रिभुवन चाचा उर्फ चतुर सिंह, वीर सिंह की तलाश में हैं. दोनों ही कुख्यात अपराधी हैं. (अरुण श्रीवास्तव की रिपोर्ट)


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