UP News: हमीरपुर जिले में रविवार को शादी के बाद दुल्हन की विदाई नजारा फिल्मी दिखाई दिया. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष की बेटी बैलगाड़ी से विदा होकर ससुराल पहुंची. अनूठे अंदाज में विदाई की लोगों ने सराहना की. पूर्व जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान की बेटी की विदाई का मौका था. रुचि राजपूत ने डॉ. कनिष्क माहुर के साथ सात फेरे लिए. शनिवार रात धूमधाम से शादी हुई. धार्मिक रीति रिवाजों से दूल्हा दुल्हन एक दूजे के हो गए. अगले दिन की सुबह दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी से हुई. विदाई समारोह ने हाईटेक दौर में विलुप्त हो चुकी दशकों पुरानी परंपरा की याद ताजा करा दी. बैलगाड़ी को फूलों से सजाया गया था. गाड़ी खींचने के लिए लाए गए बैलों को रंगीन पोशाक पहनाई गई.
बीजेपी नेता ने बेटी की शादी को बनाया यादगार
परिजनों ने बिटिया को नम आंखों से बैलगाड़ी में ससुराल के लिए विदा किया. अनोखी विदाई को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. प्रीतम सिंह किसान ने आधुनिक युग में बिटिया को विदा करने के लिए पुरानी संस्कृति को प्राथमिकता दी. दुल्हन को मामा बैलगाड़ी तक लेकर आए. किसान परिवार ने शादी को यादगार बनाने के लिए विदाई का अनूठा तरीका अपनाया. नजारा फिल्म नदिया के पार की तरह लग रहा था. बैलगाड़ी में सवार दुल्हन को बैंड बाजे के साथ विदा किया गया.
आगे-आगे बैलगाड़ी, पीछे-पीछे चल रहे थे परिजन
आगे-आगे बैलगाड़ी चल रही थी, पीछे-पीछे रिश्तेदारों का काफिला चल रहा था. दो किमी का सफर तय कर दुल्हन बैलगाड़ी से ससुराल पहुंची. ससुराल वालों ने दुल्हन का भव्य स्वागत किया. रुचि राजपूत के पिता ने खुद को किसान परिवार का बताया. उन्होंने बिटिया की बैलगाड़ी से विदाई पर भारतीय संस्कृति को जीवित करने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में भी बैलों का सही इस्तेमाल हो सकता है. प्रीतम सिंह किसान ने बेटियों की विदाई बैलगाड़ी से करने की अपील की. उन्होंने कहा कि बैलगाड़ी से परिवार की बचत होगी.