(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hamirpur News: हमीरपुर में बाढ़ के बीच पहुंचे यूपी सरकार के दो मंत्री, कहा-किसानों को देंगे मुआवजा, लोगों ने की ये मांग
UP News: मंत्री राकेश सचान ने कहा, बाढ़ से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है, पानी उतरने के बाद सर्वे कराकर फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं से मुआवजा दिलाया जाएगा.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर (Hamirpur) में आई भीषण बाढ़ (Flood) ने बीते चार दिनों से खासी तबाही मचाई है. यहां दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं साथ ही 90 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लेने के लिए प्रदेश सरकार के दो मंत्री हमीरपुर पहुंचे हुए थे. मंत्रियों ने एनडीआरएफ (NDRF) की मदद से उन गावों में पहुंचकर लोगों से बात की जो बुरी तरह से प्रभावित हैं और छतों पर डेरा डाले हुए हैं. इस दौरान मंत्रियों ने माना की इस बार की बाढ़ भीषण है जिसकी वजह से किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है, जिसकी रिपोर्ट वे सरकार तक पहुंचाएंगे और किसानों की मदद की जायेगी.
20 हजार लोगों ने छोड़ा घर
हमीरपुर में बाढ़ तो हर साल आती है, लेकिन इस बार बाढ़ विकराल रूप लेकर आई है जिसके आगे बस्तियों को बचाने वाले तटबंध भी फेल हो गए और पानी ओवरफ्लो हो गया और मुख्यालय की कई बस्तियां जलमग्न हो गईं. बाढ़ से हमीरपुर तहसील क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गावों और मुख्यालय के 20 हजार लोगों को घर छोड़ना पड़ा है. प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान (Minister Rakesh Sachan) और अनूप प्रधान (Minister Anoop Pradhan) हमीरपुर पहुंचे हुए थे जिन्होंने मोटरबोट की मदद से मेरापुर सहित आसपास के डेरों का निरीक्षण किया.
क्या कहा मंत्री राकेश सचान ने
मंत्री राकेश सचान ने पत्रकारों से बात करते हुए माना की इस साल की बाढ़ बड़ी है. इससे पहले हमीरपुर में ऐसी बाढ़ 1983 में आई थी. मंत्री ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा की जलमग्न गांव में लोग छतों पर हैं, लेकिन उनको खाना पानी मिल रहा है. बाढ़ से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है इसलिए पानी उतरने के बाद सर्वे कराकर किसानों को फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं से मुआवजा दिलाया जाएगा.
लोगों ने की तटबंध की मांग
निरिक्षण के दौरान देर रात तक मंत्री बाढ़ राहत शिविरों का भी निरीक्षण करते रहे. इस दौरान राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने मंत्री से तटबंध बनवाने की मांग की. बाढ़ पीड़ितों का कहना था हर साल बाढ़ आती है जिसकी वजह से उनको घर द्वार छोड़ना पड़ता है. अगर तटबंध बन जाएगा तो उनको कुछ राहत मिलेगी. उन्होंने राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को कैसा खाना मिल रहा है और बच्चों को जो दूध दिया जा रहा है वह ठीक है या नहीं इसकी भी जांच की.
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