UP News: हमीरपुर जिले (Hamirpur) में यमुना (Yamuna) और बेतवा (Betwa) नदी फिर उफान पर हैं. दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से तो नीचे हैं लेकिन लगातार पानी बढ़ने से नदियों के किनारे रहने वाले ग्रामीणों में बाढ़ की आशंका को लेकर डर पैदा हो गया है. जिस गति से दोनों नदियों में पानी बढ़ रहा है कल दोनों खतरे के निशान को पार कर सकती हैं. 


बांधों से छोड़े गए पानी से बढ़ा जलस्तर


 तेजी से बढ़ता पानी नदियों के किनारे के गावों में घुस सकता है. बाढ़ की आशंका बारिश के कारण नहीं बल्कि बांधों से लाखो क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बनी हुई है. बाढ़ विभाग के इंजीनियर ने बताया कि यमुना नदी में हथिनी कुंड से 2.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, तो वहीं बेतवा नदी में माताटीला बांध और लहचूरा बांध से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसकी वजह से दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर सकती है। 


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बुंदेलखंड इलाके का हमीरपुर ज़िला जहां बीते डेढ़ दशक से इतनी बारिश नहीं हुई कि यहां बाढ़ आ जाए. इसके बाद भी हर साल यहां बाढ़ जरूर आती है और नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों में तबाही मचाती हुई चली जाती है. इस साल भी हमीरपुर में इतनी कम बारिश हुई है कि पोखर और तालाब नहीं भर सके हैं, इसके बाद भी यहां नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. यमुना और बेतवा में जलस्तर बढ़ने की वजह बांधों से पानी छोड़ा जाना बताया जा रहा है जो अभी तीन मीटर तक बढ़ सकता है.


24 घंटे स्टाफ रख रहे हैं नजर


अधिशासी अभियंता करण पाल ने बताया कि यमुना में पानी अभी नहीं छोड़ा गया है,जो पहले छोड़ा था उसका इफेक्ट आ चुका है. कोई ऐसी समस्या नहीं है. यहां पर भी हमने पूरा अलेर्ट कर रखा है. 24 घंटे पूरा स्टाफ लगा हुआ है. दोनों तटबंधों पर लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि नगर निगम को जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए बताया दिया गया है. अगर पानी खतरे के निशान से ऊपर जाएगा तो आसपास के 12 से 13 गांवों को खतरा हो सकता है. हालांकि पानी खतरे के निशान से ऊपर नहीं जाएगा.


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