UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर जिले में यमुना, बेतवा और केन नदियों ने रौद्र रूप धारण करते हुए खतरे के निशान को पार कर लिया है. जिसकी वजह से अब इन नदियों का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है. हालांकि प्रशासन ने यहां बीते दिन ही अलर्ट जारी करते हुए राहत शिविरों का बंदोबस्त कर लिया था.
घरों की छत पर रहने का मजबूर लोग
वहीं नदियों के जलस्तर जिस स्पीड से बढ़ रहा है उसे देखते हुए बहुत जल्द ज़िले के दो दर्जन गावों को खाली करते हुए लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करना पड़ेगा. फिलहाल दोनों नदियों पर केन्द्रीय जल आयोग और बाढ़ चौकियां नर बनाए हुए है और इसकी रिपोर्ट भी लगातार शासन को भेजी जा रही है. वहीं बाढ़ प्रभावित लोग सड़क पर घर का समान रखे हुए है और घर की छतों में शरण लेने को मजबूर हो गए है.
13 गांवों पर मडंरा रहा खतरा
वहीं नदियों में बाढ़ आने की वजह माताटीला, लह्चूरा बांध से 5 लाख क्यूसिक पानी बेतवा में छोड़ा जाना और धौलपुर से दस लाख क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ा जाना बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार कुछ इलाके को प्रभावित करने वाली केन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हमीरपुर को सबसे ज़्यादा बेतवा नदी प्रभावित करती है, जिसकी वजह से दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित होते हैं और अब जब बेतवा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है और इसका पानी 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा है तब मुख्यालय के 13 गांव भिलावां, केसरिया डेरा, भोला का डेरा, रामेडी डांडा, डिग्गी, ब्रम्हा का डेरा, मेरापुर, कलौलिजार, हेलापुर, चंदौलितीर, अमिरता, कुछेछा में खतरा मंडराने लगा है. तो वहीं सुभाष बाज़ार और कालपी चौराहे की तरफ नदी का पानी रुख कर चुका है, और तमाम घर जलमग्न हो गए हैं.
वहीं यमुना नदी में आई बाढ़ से कुछ इलाकों में भीषण कटान होना शुरू हो गया है. जिसको रोकने की कवायद शुरू हो गई है. प्रशासन यहां ग्रेनाइट बोल्डर डलवा कर कटान को रोकने की भरसक कोशिश कर रहा है. नदियों के लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर मौदहा बांध के अधिशासी अभियंता कारण पाल गंगवार का कहना है कि, अभी नदियों का जलस्तर और बढ़ेगा. जिसकी वजह से बाढ़ आने पर 24 गांव प्रभावित हो सकते हैं.
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