UP Politics: देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर अपनी आपत्ति संबंधी दस्तावेज बुधवार को बोर्ड की साधारण सभा से अनुमोदन मिलने के बाद विधि आयोग को भेज दिया. अब हनुमानगढ़ी (Hanumangadhi) के महंत राजू दास (Raju Das) ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है. 


महंत राजू दास ने कहा, "मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज से यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध करने की अपील की है. जब सीएए लागू हो रहा था तब भी मुस्लिम समाज को ऐसे ही भड़काने का काम किया गया. नतीजा ये हुआ कि सीएए के विरोध में यूपी में जमकर हिंसा हुई. क्या यूसीसी को लेकर एकबार फिर से सीएए जैसा माहौल बनाने की कोशिश हो रही है. सीएए पर मुसलमानों को बरगलाया गया, जिससे कई जगहों पर दंगे हुए थे."



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मसौदे को मंजूरी
बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने बताया कि बोर्ड की कार्यसमिति ने गत 27 जून को यूसीसी को लेकर तैयार किए गए प्रतिवेदन के मसौदे को मंजूरी दी थी, जिसे आज आनलाइन माध्यम से हुई बोर्ड की साधारण सभा में विचार के लिए पेश किया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में इस प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया और असके बाद इसे विधि आयोग को भेज दिया गया है.


गौरतलब है कि विधि आयोग ने यूसीसी पर विभिन्न पक्षकारों और हितधारकों को अपनी आपत्तियां दाखिल करने के लिए 14 जुलाई तक का वक्त दिया है. हालांकि बोर्ड ने इसे छह महीने तक बढ़ाने की गुजारिश की थी. इलियास ने बताया कि बैठक में बोर्ड के 251 में से लगभग 250 सदस्य शामिल हुए. बैठक में सभी सदस्यों से कहा गया कि वे व्यक्तिगत रूप से भी विधि आयोग में यूसीसी के खिलाफ अपनी बात रखें. इसके अलावा अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और अन्य लोगों से भी ऐसा करने को कहें.