Ramcharitmanas Controversy News: अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास बस्ती जिले में शुक्रवार को एबीवीपी के सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अब स्वामी प्रसाद मौर्य के जलने का समय आ गया है. वहीं शालिग्राम शिला पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक पवित्र पत्थर है, जिससे भगवान राम और सीता माता की प्रतिमा बनाई जाएगी, ऐसे में महंत परमानंद द्वारा यह कहा जाना कि शालिग्राम शिला पर छेनी हथौड़ी नहीं चलाई जानी चाहिए और ऐसा हुआ तो वे अपना जीवन समाप्त कर लेंगे, इस बयान की वह निंदा करते हैं.
बयान को धर्म विरोधी बताया
राजूदास ने कहा कि उनका ऐसा बयान दिया जाना धर्म विरोधी है और उनका जीवन इतना सस्ता भी नहीं जो वे बार-बार आत्महत्या करने की बात करते हैं. महंत राजूदास ने परमहंस दास के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए लोग तमाम प्रकार की बातें करते हैं. शालिग्राम शिला पूजनीय है जिसको हम स्वंयभू कहते हैं. जिस शालिग्राम शिला का आकार छोटा होता है उन पर छेनी- हथौड़ी नहीं चलाई जाती है. परमहंसजी अपने उद्देश्य से भटक गए हैं. इसी के कारण उनका इस प्रकार का बयान सामने आया है.
विनाश काले विपरीत बुद्धि
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उन्होंने कहा कि विनाश काले, विपरीत बुद्धि, जब पतंगे की मौत आती है तो वह दीये तरफ भागता है जैसे ही वह दीये के पास जाता है जलकर भस्म हो जाता है. स्वामी प्रसाद मौर्य के जलने का समय आ गया है और वे अब भस्म हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य कोई धर्म गुरु नहीं हैं, वह एक राजनेता हैं. अगर वह इस्लाम या ईसाई धर्म के बारे में कमेंट किए होते तो अब तक उनके 72 टुकड़े हो गए होते. राजूदास ने कटाक्ष करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जिस भी दल में रहते हैं, उसका बंटाधार हो जाता है, वो खुद भी चुनाव हार गए और अब सपा में शामिल होते ही उस पार्टी का भी बेड़ा गर्त कर दिया.
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