मुंबई, एंटरटेनमेंट डेस्क। अभिजीत भट्टाचार्य का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बंगाली परिवार में 30 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वो चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। कानपुर के कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की फिर कानपुर के ही क्राइस्ट चर्च कॉलेज से बीकॉम किया।
बीकॉम की पढ़ाई के चार साल बाद चार्टेड अकाउंटेंसी पढ़ने के लिए अभिजीत कानपुर छोड़कर मुंबई का रुख कर गए। मगर वहां पहुंचकर उन्होंने तय किया। खुद को बैलेंस शीट में नहीं, म्यूजिकल नोट्स के बीच खपाना है।
उन्हें बचपन से ही गायिकी का शौक था। 1970 से ही उन्होंने स्टेज पर परफॉर्मेंस देनी शुरू कर दी थी।
अभिजीत को पहला ब्रेक आरडी बर्मन ने दिया था। देव आनंद के बेटे की डेब्यू फिल्म आनंद और आनंद में उन्हें गाने का मौका मिला। वो भी अपने आदर्श किशोर कुमार के साथ।
90 के दशक में बॉलीवुड में सिर्फ और सिर्फ अभिजीत भट्टाचार्य और उदित नारायण का सिक्का चमका रहा था। एक के बाद एक हिट गानों ने अभिजीत को उस दौर के सबसे मशहूर गायकों की लिस्ट में शामिल कर दिया था। आपको बता दे, अभिजीत उस दौर में सबसे ज्यादा फीस लेने वालो की लिस्ट में भी शामिल हो गए थे। फिर उसके बाद वो शाहरुख खान के किरदारों के लिए पसंदीदा आवाज बन गए।
शाहरुख के लिए 'यस बॉस', 'जोश', 'बादशाह', 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी', 'चलते-चलते' और 'मैं हूं ना' जैसी कई फिल्मों में अपनी आवाज दी। फिल्म येस बॉस के उनके गाने हिट साबित हुए और इसी फिल्म के लिए उन्हें इकलौता फिल्मफेयर सिंगिंग अवॉर्ड भी मिला था।
सिंगिंग के बाद रिएलिटी शो में भी अभिजीत जज के रुप में दिखाई दिए। वो स्टार वॉयस ऑफ इंडिया और एक से बढ़कर एक जैसे प्रोग्राम में बतौर जज शामिल रहे।
इसी शो के दौरान उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम को गाना नहीं आता। इसके लिए अभिजीत की काफी आलोचना हुई थी।
अभिजीत पाकिस्तानी कलाकारों की भारत आमद के भी खिलाफ थे। भजन सिंगर अनूप जलोटा, जगजीत सिंह, कुमार सानू और जसपिंदर नरूला के साथ मिलकर उन्होंने भारत सरकार को एक चिट्ठी लिखी और पाकिस्तानी कलाकारों के मुल्क में शो बंद करवाने की भी रिक्वेस्ट की।
अभिजीत ने नॉन फिल्मी गाने भी खूब गाए। उनके छह एलबम रिलीज हुए।