बॉलीवुड में अपनी दमदार आवाज और एक्टिंग से कई दशक तक फैंस का दिल जीतने वाले एक्टर डैनी का आज जन्मदिन हैं। डैनी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। डैनी का नाम बॉलीवुड के सबसे खतरनाक विलेन की लिस्ट में शामिल है। आपको बता दें, डैनी का असली नाम त्शेरिंग फिंत्सो डेंज़ोंग्पा है। उनका जन्म सिक्किम में हुआ।



डैनी ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत नेपाली फिल्म सैइनो से की थी। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की वो बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना करियर नही बनाना चाहते थे बल्कि वो भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन उनकी मां ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था।



डैनी अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ गए और उन्होंने बी-ग्रेड की फिल्मों में काम करना शुरू किया। उनकी पहली फिल्म थी फिल्मकार बी.आर. इशारा निर्देशित जरूरत जो साल 1971 में आई थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने कुछ खास कमाल नही किया। फिर उसके बाद गुलजार की फिल्म मेरे अपने मिली इस फिल्म से डैनी के अंदर बैठे कलाकार को सुकून मिला। लेकिन उन्हें सफलता मिली बी.आर. चोपड़ा की फिल्म धुंध से जो साल 1973 में आई थी। इस फिल्म के मिलने की कहानी काफी दिलचस्प है और दर्शकों को काफी पसंद भी आई।



धुंध फिल्म के बाद डैनी को उसी तरह के काफी रोल ऑफर किए गए, लेकिन डैनी ऑफर पर सोच-समझकर फैसला लेते रहे। फिल्मी दुनिया में कई साल गुजारने के बाद डैनी को पहली बार फिल्म अग्निपथ मिली। डैनी को पहली बार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। अमिताभ इस दौर में सुपरस्टार की हैसियत पा चुके थे। डैनी चाहते थे कि पहली बार में वो अपने को खुद को अमिताभ के सामने प्रूव करें वरना हमेशा बौने-एक्टर बनकर रह जाएंगे।



साल 1992 में आई फिल्म खुदा गवाह के बाद डैनी ने फिल्मों में काम करना कम कर दिया क्योंकि विलेन के रोल पहले जैसे दमदार नहीं लिखे जा रहे थे। हीरो ही विलेन बनने लगे। इसलिए डैनी ने जिस ऊंचाई को पाया था, उससे निचले पायदान पर खड़े होकर काम करना उनके जैसे खुद्दार व्यक्ति को मंजूर नहीं था।



अपने करियर में दमदार अभिनय निभाने के बाद उन्‍होंने हॉलीवुड फिल्‍मों में भी काम किया। डैनी को पद्मश्री सम्‍मान भी मिल चुका हैं। वो अपने खलनायक और चरित्र अभिनेता के किरदारों के लिए जाने जाते हैं। उन्‍होंने कई फिल्‍मों में अपनी खलनायकी से लोगों के दिलों में दहशत पैदा की है।