Happy Navratri 2022 Wishes: आज सप्तमी है और पूर्वान्चल के चंदौली में दुर्गापूजा की धूम है. चंदौली (Chandauli) के दीनदयाल नगर में सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध इंडियन इंस्टीट्यूट कॉलोनी के पूजा पंडाल में माता दुर्गा के साथ-साथ सरस्वती, लक्ष्मी जी , गणेश और कार्तिकेय भगवान के साथ प्रतिमा स्थापित हो गयी है. बंगाली पंड़ित विधि विधान से गणेश वंदना के साथ कलश की पूजा करते हुए दर्शनार्थियों के लिए पट खोल दिये. लोग आकर माता की आराधना करते हुए पूजा पाठ कर रहे हैं.
पूरा पूर्वांचल आता है मेला देखने
1952 में रेलवे के कर्मचारियों ने इस पूजा की शुरुआत की थी और उस समय से अभी तक यह पूजा किया जा रहा है. इस पूजा पंडाल में मेले जैसा रूप हो जाता है. पूर्वांचल के आसपास के जिले गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, आजमगढ़ के तमाम छोटे-बड़े दुकानदार जो गुब्बारा प्लास्टिक के खिलौने छोटे-छोटे बाजा को बेचते हैं आने वाले 3 दिनों तक इसी पूजा पंडाल के मेले में रहकर अपनी दुकानदारी करते हैं. चंदौली जिले के और बिहार के सटे हुए कर्मनाशा दुर्गावती के स्थानीय लोग भी इस पूजा पंडाल में माता के दर्शन के लिए आते हैं.
चंदौली जिले में दुर्गा पूजा की धूम प्रत्येक वर्ष रहती है लेकिन कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 सालों से सरकार ने सार्वजनिक मेला और पूजा पर पाबंदी लगाई थी. जिसके चलते सार्वजनिक रूप से पूजा नहीं हो पाया था ना ही मेला लग पाया था लेकिन इस वर्ष किसी भी प्रकार का सरकार या जिला प्रशासन के द्वारा कोई पाबंदी नहीं है जिससे मेले में काफी भीड़ होने की उम्मीद भी है. दुकानदार दुकान सजाकर इस पूजा पंडाल के आसपास तैयार हैं और उनको भी आस है कि इस वर्ष लोग ज्यादा आएंगे और बिक्री होगी.
बंगाल से आये पंडित ने ये बताया
चंदौली के दीनदयाल नगर स्थित इंडियन इंस्टिटट कॉलोनी में इस दुर्गा पूजा पंडाल में मूर्ति स्थापित की गई है. जिसमें माता दुर्गा के साथ माता सरस्वती माता लक्ष्मी उनके साथ गणेश भगवान कार्तिकेय और शेर पर सवार होकर माता दुर्गा राक्षस का वध करने जाती हैं. पूजा पंडाल में बंगाल से आये पंडित मधुसूदन चक्रवर्ती ने बताया कि इस बार मां गज पर आ रही हैं और उनकी विदाई नाव पर है. यह देश के लिए शुभ संकेत है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जब जब माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई हैं और नाव पर विदा हुई हैं उस वर्ष लोगों में खुशहाली रहता है. साथ ही धन की प्राप्ति होती है और बीमारियों से निजात मिलता है.