Happy New Year 2024: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के दोनों जोन बंद करने की चेतावनी, पर्यटकों की बढ़ी परेशानी
Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में नए साल का जश्न फीका हो सकता है. ग्रामीणों ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के दोनों जोन को बंद करने की चेतावनी दी है. उन्होंने सरकार के सामने कई मांगों को रखा है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में नए साल पर हड़ताल के आह्वान ने पर्यटकों की चिंता बढ़ा दी है. 31 दिसंबर को स्थानीय लोगों ने हड़ताल का आह्वान किया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला और झिरना जोन में पर्यटकों को घुसने नहीं दिया जाएगा. स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन से पर्यटकों की चिंता बढ़ गई है. उत्तराखंड सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. स्थानीय लोगों की चेतावनी से सरकार की साख दांव पर है. उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का बड़ा योगदान है.
नए साल का फीका हो सकता है जश्न
राज्य सरकार को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से भारी भरकम कमाई होती है. आसपास के हजारों लोगों की भी आजीवका में मदद पहुंचती है. स्थानीय लोगों की चेतावनी से पर्यटक समेत कारोबारी भी चिंता में डूबे हुए हैं. नए साल का जश्न मनानेवाले पर्यटक उत्तराखंड पहुंचने लगे हैं. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन आंदोलनकारियों से बातचीत में लगा हुआ है. कोशिश है कि 31 दिसंबर से पहले ग्रामीणों को समझा बुझाकर हड़ताल वापस लेने के लिए मना लिया जाए.
प्रस्तावित आंदोलन से चिंता में पर्यटक
बता दें कि संघर्ष समिति ने 31 दिसंबर को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला और झिरना जोन बंद करने का आह्वान किया. समर्थन जुटाने के लिए ग्रामीणों से की अपील भी की गई है. संघर्ष समिति की मांग है कि जंगली जानवरों, बंदरों से इंसानों, मवेशियों, फसलों की सुरक्षा हो. जंगली जानवरों का शिकार बने व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा, घायल के संपूर्ण इलाज की गारंटी और 10 लाख रुपए भी मुआवजा के रूप में दिया जाए. संघर्ष समिति का कहना है कि प्रस्तावित बंद को वापस लिया जा सकता है अगर सरकार 30 दिसंबर तक मांगों को पूरा करने का आश्वासन देती है.
ये है संघर्ष समिति की सरकार से मांग
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ समीर सिन्हा का कहना है कि ग्रामीणों से बातचीत जारी है. समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा. मांगों को सरकार तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यटकों को परेशान करना ठीक नहीं. पार्क स्थानीय के मालिक स्थानीय लोग हैं, हम तो सिर्फ संरक्षक हैं. आंदोलनकारी महेश जोशी ने कहा कि सरकार मांगों पर विचार नहीं कर रही है. उन्होंने रामनगर विधायक से बातचीत की खबर को नकार दिया. उनका कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से बात करने कोई नहीं आया है.
अलबत्ता जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर से बात नहीं बनी. उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से वन मंत्री या वन सचिव की बात होने पर आंदोलन को वापस लेने पर विचार किया जा सकता है. रामनगर विधायक दीवान सिंह का कहना है कि संघर्ष समिति के मागों की जानकारी नहीं है. सांवल्देव गांव के निवासियों ने 31 दिसंबर को पर्यटकों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया है. जिम कार्बेट नेशनल पार्क के दोनों जोन को बंद करने का अभियान चलाया जा रहा है. लोगों से समर्थन जुटाने की भी कोशिश हो रही है.
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