UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 'शिक्षक दिवस' (Teachers Day) के मौके पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) को नमन किया. उन्होंने कहा कि भारत माता के महान सपूत जिन्होंने शिक्षा के लिए अपने जीवन का सर्वस्व न्योछावर किया उनको हम नमन करते हैं. शिक्षक होकर देश के सर्वोच्च पद तक जाना एक आदर्श है, उन्होंने कृतित्व और व्यक्तित्व से देश को नई दिशा दी. एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता है, ऐसा उनका कहना था. प्राचीन काल से भारत ने शिक्षक के स्वरूप को सम्मान और श्रद्धा दी, समाज में विशिष्ट सम्मान और स्थान दिया.


सीएम योगी ने कहा कि समय के साथ शिक्षकों की भूमिका में बदलाव भी आया. इसमें दोनों पक्ष सामने आते गए, एक पक्ष उज्जवल स्वरूप था, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे वर्तमान पीढ़ी का नेतृत्व किया, जो राष्ट्र निर्माता की भूमिका का निर्वाहन करता था और एक दूसरा पक्ष कृष्ण पक्ष भी है, जब ट्रेड यूनियन की तरह कोई शिक्षक विद्यालयीय कार्यो से विरत होकर, दिन भर शिक्षा अधिकारियों के घर और कार्यालयों में बैठकर अपने वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है. इससे हमको उसका कृष्ण पक्ष भी देखने को मिलता है, समाज में उनके प्रति कोई आदर भाव नहीं मिलता, समाज उन्हें तिरस्कृत रूप से देखता है.



94 शिक्षक हुए सम्मानित


मुख्यमंत्री ने कहा, "दो साल पहले मैंने ऐसे ही शिक्षक सम्मान कार्यक्रम और उनकी सूची निरस्त कर दी थी, उस में ऐसे तमाम नाम थे जिन्होंने कभी पढ़ाया ही नहीं, कभी स्कूल जाते ही नहीं थे, ये लोग नींव को खोखला करने वाले लोग थे, तब मैंने उस सूची को सुधारने के लिए विभाग को दी. मुझे प्रसन्नता है कि आज जो 94 शिक्षक सम्मानित हो रहे हैं, इन्होंने अपने जीवन में कुछ न कुछ प्रेरणादाई कार्य किए हैं. शिक्षकों की बड़ी जिम्मेदारी है आज समाज के लिए, क्योंकि आप समाज के निर्माता हैं, राष्ट्र निर्माता हैं, आपके ऊपर वर्तमान पीढ़ी को दिशा दिखाने की जिम्मेदारी है. अगर समय के साथ हम नहीं चलेंगे तो पिछड़ जाएंगे, विकास और प्रगति के इस दौड़ में हम पीछे न रह जाएं, इसके लिए हमको तैयार रहना होगा."


टैबलेट का किया गया वितरण


सीएम ने कहा कि मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में दो लाख नौ हजार से अधिक टैबलेट वितरण किए जाने का कार्यक्रम हुआ. हर विद्यालय को दो टैबलेट प्राप्त हो रहे हैं. टेक्नॉलोजी में कोई आपका मुकाबला नहीं कर पाएगा, आपको नए कंटेंट मिलेंगे. यहां आईटीसी लैब का भी शुभारंभ हो रहा है. यूपी ने पिछले 6 साल में बहुत प्रगति की है, बेसिक विद्यालयों का कायाकल्प हुआ, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ, छात्र-छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने कहा कि मैने स्वयं चित्रकूट के विद्यालय में स्मार्ट क्लास देखा, वहां एक कोल समाज की बच्ची क्लास को चला रही थी.


'बदली स्कूलों की तस्वीर'


सीएम योगी ने आगे कहा कि 6 साल पहले जिन स्कूलों की स्थिति जर्जर थी, आज उनके भवनों की स्थिति बदली है. हर स्कूल में खेल के मैदान होना आवश्यक है. प्रदेश में ऐसे विद्यालय हैं, जिनके भवन सौ साल सवा सौ साल, नब्बे साल और 70 साल से खड़े हैं. इन्होंने पीढ़ियों को बनाया है, इनका योगदान है, इन विद्यालयों की वर्तमान पीढ़ी को आरती उतारनी चाहिए, क्योंकि इन्होंने भारत की पूर्व पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी को गढ़ा है. अगर ये संसाधन न होते तो देश आजादी की लड़ाई कैसे लड़ता, इन संसाधनों को वर्तमान पीढ़ी भूल गई.


'छात्रों से पहले स्कूल आएं शिक्षक'


यूपी के सीएम ने कहा कि लखनऊ में ऐसे विद्यालय मैंने देखे, जिनके भवन पर पेड़ उग आए थे. ये पेड़ वहां की अकर्मण्यता को प्रदर्शित करता है, क्योंकि विद्यालय के पेड़ उखाड़ने के लिए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को आना पड़ा. आपका शिक्षक के रूप में पहला कार्य होना चाहिए कि विद्यार्थी के स्कूल आने के 15 मिनट पहले पहुंचे, प्रधानाचार्यों को शिक्षकों से भी पहले आने की प्रवृत्ती होनी चाहिए. आप वर्तमान पीढ़ी को बनाने के लिए नया क्या दे सकते हैं, इसके बारे में सोचना होगा, क्योंकि आपको आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी.


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