UP News: जेल में बंद कैदियों के परिजनों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, जानें- कैसे देते थे वारदात को अंजाम?
Hapur News: हापुड़ के एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपियों की ओर से अनोखे तरीके से साइबर क्राइम किया जाता था. आरोपी eCourt वेबसाइट से किसी वकील का मोबाइल नंबर निकालकर परिजनों को कॉल करते थे.
UP Fraud News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ (Hapur) जिले से ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां ठगी गिरोह के सदस्य जेल में बंद कैदियों के परिवारजनों से फोन करके कैदी को गंभीर चोट बताने के बाद ब्लड बैंक से ब्लड खरीदने के नाम पर उनसे पैसे ठगते थे. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 2500 रुपये नगद, रेलवे टिकट और घटना में इस्तेमाल दो मोबाइल फोन के अलावा अधिवक्ताओं के नाम-पते के साथ-साथ मोबाइल नंबर का डाटा बरामद किया गया है.
जिला साइबर सेल और थाना धौलाना की संयुक्त पुलिस टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया. गिरफ्तार आरोपी eCourt वेबसाइट से यूपी और अन्य राज्यों के अधिवक्ताओं के नाम-पते के साथ-साथ मोबाइल नंबरों की लिस्ट डाउनलोड करते थे. फिर उनसे बात कर उनके क्लाइंट (कैदी) को बैरक में पैर फिसलकर चोट लगने की बात बताते थे. साथ ही उनसे कैदी के परिवारजनों का मोबाइल नंबर ले लेते थे.
ठगों ने पुलिस को क्या बताया?
गिरफ्तार आरोपी मधुर सक्सेना और नितिन जौहरी बरेली के रहने वाले हैं. पूछताछ में ठगों ने बताया कि हम लोग जेल में बंद अपराधियों के अधिवक्ताओं के नाम-पते और मोबाइल नंबर का डाटा eCourt की वेबसाइट से डाउनलोड के डाटा में दिए गए अधिवक्ताओं के मोबाइल नंबर पर कॉल करके, उनके जेल में बंद क्लाइंट को पैर फिसलने से गंभीर चोट लगने की बात बताकर मोबाइल नंबर ले लेते थे. इसके बाद ठगी को अंजाम देते थे.
वकील से ये बात पूछते थे ठग
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपियों की ओर से बहुत ही नायब तरीके से साइबर क्राइम किया जाता था. यह ऑनलाइन सर्च किया करते थे. eCourt वेबसाइट से किसी वकील का मोबाइल नंबर निकाल लेते थे, फिर उसको कॉल करके यह पूछते थे कि क्या अभी आपने किसी की बेल अप्लाई कराई है तो वह बताते थे. अगर वह हां बोलते थे तो उस वकील को बताते थे कि जो व्यक्ति जेल में बंद हैं, वह फिसल कर गिर गया, उसका सिर फट गया है. हमें उसके परिजनों का नंबर दे दीजिए.
मोबाइल नंबर भेज मंगवाते थे पैसे
अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपी नंबर लेकर कैदी परिजनों से बोलते थे, "हम जेल से बंदी रक्षक बोल रहे हैं जो आपका रिश्तेदार जेल में बंद है, उनको इलाज के लिए पैसे की सख्त जरूरत है और आप 14-15 हजार रुपये एक मोबाइल नंबर पर भेज दीजिए. इस तरीके से जो जेल में बंद कैदी थे, उनके रिश्तेदारों से यह फ्रॉड किया करते थे."
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