(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hapur News: यूपी के इस मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू, कहा- 'मर्यादित कपड़े पहनें, नहीं तो बाहर से दर्शन करें'
Shri Khatu Shyam Temple: श्री खाटू श्याम जी मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर के बाहर एक सूचना बोर्ड लगा दिया गया है, जिसमें सभी भक्तों से मर्यादित कपड़ों में मंदिर में प्रवेश करने की अपील की गई है.
Hapur News: आगरा-मथुरा के मंदिरों के बाद पिछले दिनों गाजियाबाद के हनुमान मंदिर में भी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया था, जिसके बाद अब हापुड़ में भी श्री खाटू श्याम जी के मंदिर में भी ऐसा ही फैसला लिया गया है. इस मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित कर दिया गया है. मंदिर कमेटी ने साफ कर दिया है कि मंदिर में अब कटे-फटे और छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही भक्तों से अपील की गई है कि वो मंदिर में मर्यादित कपड़े ही पहनकर आएं, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा अन्यथा वो बाहर से ही दर्शन करके जा सकते हैं.
हापुड़ के श्री खाटू श्याम जी के मंदिर में मंदिर कमेटी ने श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. मंदिर कमेटी के अनुसार अक्सर ये देखा जाता है कि कई लोग कटे-फटे, छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में भगवान के दर्शन करने आ जाते हैं. मंदिर में इस तरह के कपड़े पहनना उचित नहीं है. इससे पूजा के लिए आने वाले दूसरे भक्तों पर भी असर पड़ता है. मंदिर में आने के लिए एक नियम निर्धारित होता हैं, भक्तों को उसका पालन करना चाहिए.
मंदिर के बाहर लगा सूचना बोर्ड
श्री खाटू श्याम जी मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर के बाहर एक सूचना बोर्ड लगा दिया गया है, जिसमें सभी भक्तों से मर्यादित कपड़ों में मंदिर में प्रवेश करने की अपील की गई है. मंदिर कमेटी की ओर से आग्रह किया गया है कि 'सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं. छोटे वस्त्र, हाफ पेंट, बर्मूडा, मिनि स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन करें, कृपया सहयोग करने की कृपा करें'
मंदिर कमेटी के इस फैसले का यहां आने वाले भक्तों ने भी स्वागत किया है. मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए भक्त नवीन गोयल ने भी इस फैसले पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि, मंदिरों में आने के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है. ये एक अच्छा फैसला है. लोगों को मंदिर में आते वक्त उचित कपड़े पहनने चाहिए और भारतीय संस्कृति का ध्यान रखना चाहिए.
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