Hapur School Electric Bill: यूपी के हापुड़ जिले में एक महीने से छात्राओं के स्कूल की कटी हुई बिजली को हापुड़ की जिला अधिकारी मेधा रूपम द्वारा संज्ञान में लेकर फिर से जोड़ दी गयी है. स्कूल की छात्राएं एक बार फिर अपनी कक्षाओं में बल्ब की रोशनी और पंखे की हवा में पढ़ती दिखीं.
समरसेबिल भी नहीं चल रहा था
आपको बता दें कि दिल्ली से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर यूपी के हापुड़ में बालिकाओं के बिहारी आश्रम उ. मा. बालिका विद्यालय में उमस भरी गर्मी और अंधेरे में पढ़ती हुई छात्राओं पढ़ती थीं. विद्यालय का मात्र 43 हज़ार रुपये का बिजली का बिल जमा न होने पर विद्युत विभाग ने स्कूल की बिजली का कनेक्शन काट दिया गया था. बालिकाएं अंधेरे और गर्मी में पढ़ने को मजबूर हो गयी थीं. यहां तक कि पीने के लिए समरसेबिल का शुद्ध पेयजल और शौच के लिए पानी भी प्राप्त नहीं हो पा रहा है. हैंडपम्प के पानी को बाल्टी में भरकर छात्रायें शौचालय में इस्तेमाल कर रही थीं.
स्कूल में पानी की टोटी तक सूखी पड़ी है-प्रधानाचार्य
इस स्कूल के अंदर बिजली का कनेक्शन कटे हुए लगभग 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया था. स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी शमी ने इसकी शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक निशा अस्थाना को शिकायत पत्र लिखकर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 31-03- 2022 को बिजली विभाग के कर्मचारी आए थे, बिजली का बिल बकाया बताकर स्कूल की बिजली काट दी गयी है. लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है. बच्चे गर्मी में तपती धूप और उमस में पढ़ने को मजबूर हैं, तो वहीं स्कूलों की कक्षाओं में अंधेरा पसरा हुआ है. यहां तक कि स्कूल में पानी की टोटी तक सूखी पड़ी है.
जिला निरीक्षक शिकायत के बाद भी बिजली नहीं जोड़ पाई
जब इस मामले में जनपद में नवागत जिला आधिकारी मेधा रूपम से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला अभी संज्ञान में आया है और जांच कराकर जल्द बिजली जोड़ दी जाएगी. हापुड़ की जिला विद्यालय निरीक्षक निशा अस्थाना से स्कूल की प्रधानाचार्या द्वारा की गई शिकायतों के बाद भी जब स्कूल की बिजली नहीं जोड़ पाईं तो शिकायतों के दौर के एक महीने बाद हापुड़ की डीएम ने मामले का संज्ञान ले लिया और स्कूल की बिजली जोड़ दी गयी.
आखिरकार एक माह से उमस भरी गर्मी और अंधेरे मे कक्षा में पढ़ने को मजबूर छात्राओं को कक्षा में रोशनी और हवा के साथ ही साथ पीने के शुद्ध पेयजल भी मिल ही गया. अब लाइट और पंखे की हवा में पढ़ रही हैं सभी छात्रायें.