CM योगी के आदेश पर भड़के डॉक्टर, जाम लगाकर किया प्रदर्शन तो यूपी पुलिस ने सिखाया सबक
UP News: डॉक्टरों के प्रदर्शन करने और चौराहे पर जाम लगे होने की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने चिकित्सकों को जब हंगामा करते हुए देखा तो उन्हें समझाने का प्रयास किया.
Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गुरुवार (3 अक्टूबर) को बड़ी संख्या में एकत्रित होकर प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी तहसील चौराहे पर आ गए. यहां उन्होंने जाम लगाकर जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों यह प्रदर्शन सरकार के उस आदेश के खिलाफ था, जिसमें कहा गया है कि बिना लाइसेंस के चल रहे हॉस्पिटल, पैथालॉजी लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
डॉक्टरों ने कहा कि सरकार को अपना यह फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए. डॉक्टरों के प्रदर्शन करने और चौराहे पर जाम लगे होने की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने चिकित्सकों को जब हंगामा करते हुए देखा तो उन्हें समझाने का प्रयास किया. जब डॉक्टर नहीं मानें तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष को अपनी गिरफ्त में ले लिया और खींचते हुए कोतवाली में ले जाकर बंद कर दिया.
हापुड़ में तहसील चौराहे पर इकठ्ठे हुए लोग
बता दें कि जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले बिना पंजीकृत अस्पतालों, लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि बिना किसी डिग्री-डिप्लोमा किए चिकित्सक द्वारा कोई उपचार नहीं किया जाएगा. इसी के विरोध में प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके शर्मा के नेतृत्व में तमाम पदाधिकारी और चिकित्सक हापुड़ में तहसील चौराहे पर इकठ्ठे होकर पहुंच गये.
उन्होंने चौराहे पर जाम लगाकर जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. प्रदर्शन की वजह से वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गईं. आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानी होने लगी. इसकी सूचना जब पुलिस-प्रशासन को हुई तो मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने आक्रोशित चिकित्सकों को समझा-बुझाकर शांत करने का प्रयास किया, लेकिन जैसे ही प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अराजकता फैलाने की कोशिश की तो पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एसके शर्मा को खींचते हुए कोतवाली ले गई, जहां उन्हें बैठा लिया गया. इसी के बाद देखते ही देखते एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी तितर-बितर हो गए.
भूखे मरने की नौबत आ जाएगी
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह पिछले 20 सालों से मेडिकल लाइन में काम कर रहे हैं. ऐसे में यदि उनके ठिकानों को सरकार द्वारा बंद कर दिया जाएगा तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. इसलिए सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए.
(विपिन शर्मा की रिपोर्ट)
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