Hapur: 'अपने लड़के-लड़कियों के लिए अलग स्कूल बनाएं', मौलना अरशद मदनी ने मुसलमानों से की अपील
मुस्लिम धार्मिक नेता मौलाना अरशद मदनी चाहते हैं कि देश में लड़के और लड़कियों को अलग पढ़ाया जाए. वह को-एड के विपरीत लड़कियों के लिए अलग और लड़कों के लिए अलग स्कूल के पक्ष में हैं.
UP News: यूपी के हापुड़ (Hapur) में जमीयत-ए-उलमा हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madni) तस्लीमा यासीन गर्ल्स इंटर कॉलेज के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए. अरशद मदनी ने कार्यक्रम में शिरकत करने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जैसे हालात चल रहे हैं, मुसलमानों को उससे सबक लेना चाहिए और उन्हें अपनी बच्चियों के लिए अलग स्कूल बनाने चाहिए.
बच्चों को स्कूल में दें मजहब का ज्ञान - मदनी
मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत-ए-उलमा हिंद ने अपनी एक पॉलिसी बनाई है जिसके तहत हिंदू हों या मुसलमान हर धर्म के अमीर लोगों से कहा जा रहा है कि वे बच्चियों के लिए अलग स्कूल बनाएं. मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'आपको हर जगह स्कूल बनाने चाहिए. लड़कों के अलग और लड़कियों के अलग, लेकिन मैं इसको जरूरी समझता हूं कि उन स्कूलों के अंदर आप अपने बच्चों को और बच्चियों को थोड़ा बहुत मजहब जरूर सिखाएं ताकि उनके अंदर यह एहसास हो कि हम इस दुनिया में जो कुछ करेंगे मौत के बाद उसका हिसाब देना है.' उन्होंने आगे कहा कि हर मुसलमान और हिंदू के दिल की ये आवाज होती है कि उनकी मौत के बाद भी घर में मजहब जिंदा रहे.
हापुड़ में लड़कियों के लिए बन रहा कॉलेज
हापुड़ के रामपुर रोड पर एक प्राइवेट संस्था द्वारा इंटर कॉलेज खुलने जा रहा है. जिसमें लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी. यहां यासीन कुरैसीन इंटर कॉलेज का शिलान्यास किया गया है जिसमे केवल लड़कियों को ही शिक्षा दी जाएगी. इस कार्यक्रम में शामिल होने मौलाना अरशद मदनी हापुड़ पहुंचे थे. मौलना मदनी पहले भी लड़के और लड़कियों के अलग स्कूल बनाए जाने की वकालत करते आए हैं और हापुड़ के कार्यक्रम में उन्होंने इसी बात को एकबार फिर दोहराया.
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