UK Election 2022: नाराजगी की खबरों के बीच हरक सिंह रावत ने की सीएम धामी से मुलाकात, बोले- मेरा आशीर्वाद उनके साथ
नाराजगी की खबरों के बीच शनिवार को बीजेपी नेता हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मिलने पहुंचे. उन्होंने इस मुलाकात के साथ ही अपनी सारी नाराजगी भी दूर कर ली.
Harak singh Rawat and Pushkar Dhami Meeting: उत्तराखंड की राजनीति में अचानक से आया उबाल शांत पड़ चुका है. पिछले चार दिनों के भीतर कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पार्टियों में बगावत का बड़ा बवंडर उठा था. लेकिन दोनों ही पार्टियों ने नुकसान होने से खुद को बचा लिया. कांग्रेस ने जैसे हरीश रावत को मना लिया तो बीजेपी ने भी 24 घंटे के भीतर हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर कर दी. नाराजगी से लेकर इस्तीफे तक की खबरों के बीच हरक सिंह रावत का एक दिन में हृदय परिवर्तन हो गया. करीब 24 घंटे बाद वो सामने आए और शनिवार शाम सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलने पहुंचे. जब मीडिया से बातचीत करने आए तो सारी नाराजगी जैसे दूर हो गई. हरक सिंह रावत सीएम को छोटा भाई बताने लगे और बताते-बताते भावुक भी हो गये.
मेरे और सीएम धामी के बीच पुराने संबंध
रावत ने कहा, ''पुष्कर धामी मेरे छोटे भाई हैं. मेरे उनसे आज से संबंध नहीं हैं. पुराने संबंध हैं. पुष्कर सिंह धामी से पुराने संबंध हैं जब वो बच्चा था उसकी शादी हुई तब भी मैं उसके साथ गया हूं.'' दरअसल अपने क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने से हरक सिंह रावत नाराज हुए थे. लेकिन 24 घंटे के भीतर पार्टी एक्टिव हो गई. उन्हें सीएम से मीटिंग का बुलावा भेजा गया और सीएम आवास पर मुख्यमंत्री और हरक सिंह रावत के अलावा मंत्री धन सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जैसे बड़े नेताओं के बीच बैठक हुई. मेडिकल कॉलेज बनाने पर आश्वासन दिया गया और हरक सिंह रावत सारी नाराजगी भूल गए. मीटिंग के बाद रावत ने कहा कि धामी ने भरोसा दिया है कि मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. इसके लिए 25 करोड़ रुपये भी अलॉट कर दिए हैं. अब जब पार्टी ने रूठे हरक सिंह रावत को चुनावों से पहले मना लिया है तो पार्टी का कॉन्फिडेंस हाई हो गया है.
मेडिकल कॉलेज बनवाने को लेकर नाराज थे हरक सिंह रावत
उसी कॉन्फिडेंस में प्रदेश अध्यक्ष ने हरक के नाराज होने और मीडिया की खबरों को ही बेबुनियाद बता दिया. लेकिन नाराजगी भूल चुके हरक सिंह रावत खुद ये बताना नहीं भूल रहे कि हां वो बहुत ज्यादा नराज थे. हरक सिंह रावत ने कहा, ''मैंने कल भी कैबिनेट में इस मामले को उठाया लेकिन जब मेरी बात नहीं सुनी गई तो मैंने नाराजगी व्यक्त करके कैबिनेट छोड़कर चला गया.. मैं बहुत ज्यादा नाराज था...भले ही मैं कोटद्वार से चुनाव लड़ूं या ना लड़ूं लेकिन जब हम जनता से वादा करते हैं तो पूरा होना चाहिए.''
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