देहरादून: उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए दो सीटों से चुनाव हार जाते तो राजनीति छोड़ देते. साल 2016 में पैसे के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वालों को कांग्रेस में लौटने से पहले अपने 'पाप' के लिए माफी मांगने संबंधी कांग्रेस नेता हरीश रावत के बयान के बाद हरक की ये प्रतिक्रिया सामने आयी है.


हरक सिंह रावत ने संवाददाताओं से कहा, ''अगर मैं मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए दो सीटों से हार गया होता, तो मैंने राजनीति से इस्तीफा दे दिया होता. लोगों द्वारा सेवानिवृत्ति के लिए मजबूर किए जाने के बावजूद मैं हरीश भाई की तरह वापसी का रास्ता नहीं लेता.'' उन्होंने कहा कि हरीश रावत राजनीति में लंबे समय तक रहने के लिए 'चर्चा, पर्चा और खर्चा' के महत्व को समझते हैं. मालूम हो कि साल 2017 के चुनाव में हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा सीट से चुनाव लड़े थे और दोनों में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.


प्रदेश के एक और कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय ने भी हरीश रावत पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि 'सूप बोले तो बोले, छलनी को नहीं बोलना चाहिए.' साल 2016 के एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए पाण्डेय ने कहा कि रावत ने कहा था कि वह अपनी आंखे मूंद लेंगे, जिसे जो लूटना है, लूट ले. उन्होंने कहा, ''ऐसा आदमी क्या किसी को पाप और पुण्य पर बोलेगा.''


बता दें कि साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अगुवाई में कांग्रेस के 10 विधायकों ने तत्कालीन हरीश रावत सरकार से बगावत कर दी थी जिसके कारण सरकार अल्पमत मे आ गयी थी.


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