Hardoi News: 'लिखकर दो गोली नहीं मारोगे', एनकाउंटर से डरे कैदी ने पुलिस से लगाई गुहार
Hardoi: हरदोई में जिला जेल से डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाए गए कैदी ने पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगाई और जमकर हंगामा काटा. अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे गोली न मारने का आश्ववासन दिया.
UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है. कई शातिर अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर तो कई गोली लगने से घायल हो चुके हैं. अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर बैठता जा रहा है कि अपराधी अपराध से तौबा कर पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगा रहे हैं. ऐसा ही एक ममाला हरदोई (Hardoi) से सामने आया है. यहां एक कैदी ने पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगाई.
दरअसल, मंगलवार को हरदोई में जिला जेल से डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाए गए कैदी ने पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगाई और जमकर हंगामा काटा. कैदी मेडिकल कॉलेज से पुलिस के साथ जाने के लिए राजी नहीं था. वो सिर्फ एक ही जिद पर अड़ा था कि पुलिस उसे लिखकर दे कि वो रास्ते में उसे गोली नहीं मारेगी. तभी वो पुलिस के साथ जाएगा. इस दौरान काफी देर तक हंगामा चलता रहा. अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे गोली न मारने का आश्ववासन दिया. इसके बाद वो कैदी पुलिस कर्मियों के साथ जिला जेल चला गया.
कैदी ने किया मेडिकल कॉलेज में हंगामा
मामला हरदोई जिले के मेडिकल कॉलेज परिसर का है. यहां पुलिस की मौजूदगी में एक कैदी ने जमकर हंगामा किया. वो पुलिस से गोली न मारने का वचन लेने की जिद पर अड़ा रहा. दरअसल, कोतवाली पिहानी क्षेत्र कस्बे के मोहल्ला लोहानी के रहने वाले रिजवान पर आरोप है कि उसने 2014 में अपनी पत्नी नाजरा बेगम को घर में एसिड डालकर जला दिया था. एसिड के हमले से नाजरा बेगम गंभीर रूप से झुलस गई थीं. नाजरा बेगम की तहरीर पर पुलिस ने रिजवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया. जिसके चलते अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. करीब पांच महीनें पहले अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस के डर से उसने अदालत में सरेंडर किया था. रिजवान गुर्दे की बीमारी से ग्रसित है. उसे डायलिसिस के लिए ही हरदोई मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे एनीमिक बताया. मेडिकल कॉलेज में रिजवान ने जमकर हंगामा किया और डायलिसिस नहीं कराया. इसके बाद चिकित्सकों ने उसे केजीएमयू ले जाने की सलाह दी.
बिना इलाज के जेल गया वापस
केजीएमयू जाने के लिए सिपाहियों द्वारा उसे एंबुलेंस में बिठाया जा रहा था, लेकिन रिजवान इतना डरा हुआ था कि वह पुलिसकर्मियों के साथ एम्बुलेन्स में बैठने के लिए तैयार नहीं था. लिहाजा रिजवान ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों से गोली ना मारने की गुहार लगाने लगा. हंगामा बढ़ता देख मौके पर कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन रिजवान अपनी जिद पर अड़ गया. उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि उसे केजीएमयू ले जाने वाले पुलिसकर्मी लिखकर दें कि वो रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे. जिस स्थिति में उसे ले जा रहे हैं उसी स्थिति में वापस लाएंगे. जब तक उसे ये लिखकर नहीं दिया जाएगा कि पुलिस रास्ते में उसे गोली नहीं मारेगी तब तक वह केजीएमयू नहीं जाएगा. अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे काफी समझाया और आश्वस्त किया कि पुलिस उसे गोली नहीं मारेगी. इसके बाद भी वो पुलिसकर्मियों के साथ नहीं गया. वो कोतवाली शहर पुलिस की जीप में बैठकर जेल चला गया.
सीओ सिटी हरदोई विनोद कुमार द्विवेदी ने बताया कि जेल में बंद एक कैदी को डायलिसिस के लिए जिला चिकित्सालय ले आया गया था. जहां वह डायलिसिस कराने से मना कर रहा था और हंगामा काट रहा था. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे समझा बुझाकर उसका डायलिसिस करवा कर उसे दोबारा जेल भेज दिया है.
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