UP Politics: 'मायावती सिर्फ BJP की एजेंट बनकर रह गई हैं', अखिलेश यादव के करीबी नेता ने दी ये नसीहत
UP News: देवरिया में 6 लोगों की हत्या पर अफसोस जताते हुए सपा नेता ने कहा कि वारदात पहले किसके खिलाफ हुई. सरकार को चाहिए कि कानून के हिसाब से कार्रवाई करे न कि जात को देखकर.
UP Politics: हरदोई (Hardoi) पहुंचे समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मायावती बीजेपी का एजेंट बनकर रह गई हैं. विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन बनने से गेंद मायावती के पाले में है. मायावती को तय करना है कि एनडीए या इंडिया गठबंधन के साथ हैं. सपा नेता ने आरोप लगाया कि मायावती की सोच कांशीराम से अलग हो गई है. सुनील सिंह साजन सपा कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने हरियाणा के गृहमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि जातिगत गणना होने से तस्वीर बदल जाएगी.
जातीय जनगणना पर जारी है घमासान
बीजेपी के लोग तस्वीर बदलते देखना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना की मांग जारी रहेगी. उन्होंने कांग्रेस का हवाला भी दिया. सुनील सिंह साजन ने कहा कि पहले जाति जनगणना के खिलाफ कांग्रेस थी. आज कांग्रेस को समझ आ गया है. जाति जनगणना की बात नहीं करने पर अस्तित्व खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि दलितों के बीच जाने पर बीजेपी वाले क्या बताएंगे. कहेंगे आरक्षण छीनकर आपको नौकरी नहीं दे पाए. बेटियों के साथ रेप करने वालों को सजा नहीं दे पाए.
सपा का BJP के दलित प्रेम पर सवाल
हम सिर्फ भाषण में दलितों को याद रखते हैं. राष्ट्रपति को राम मंदिर के भूमि पूजन में नहीं बुलाए जाने पर भी सुनील सिंह साजन ने बीजेपी से सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि बीजेपी का दलित चिंता की बात करना हास्यास्पद है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग सामंती सोच वाले हैं. पिछड़े, दलित, आदिवासी बीजेपी के लिए बराबरी की जगह नहीं रखते. देवरिया नरसंहार पर उन्होंने कहा कि सपा बुलडोजर के खिलाफ है. बुलडोजर चलने में भेदभाव नहीं होना चाहिए.
दोनों पक्षों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई हो. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जाति को देखकर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कानून के आधार पर कार्रवाई करने की नसीहत दी. उन्होंने दोनों परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताते हुए बीजेपी सरकार को सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि सरकारें आती और जाती हैं, लेकिन कार्रवाई संविधान के अनुसार होनी चाहिए. ऐसा काम नहीं होना चाहिए कि लोगों का भरोसा कानून से उठ जाए. इसलिए मांग है कि सरकार संविधान के हिसाब से कार्रवाई करे न कि जाति को देखकर.
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