हरदोई में बीजेपी की प्रेमावती और सपा की मुन्नी देवी के बीच कांटें की टक्कर है. बीजेपी की उम्मीदवार प्रेमावती की बात करें तो वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं और काफी समय से बीजेपी से जुड़ी रही हैं. जमीन पर उनकी अच्छी पकड़ है. बीजेपी ने प्रेमावती के समर्थन में 64 सदस्यों का दावा किया है. प्रेमावती को जिला पंचायत का चुनाव जिताने की जिम्मेदारी बीजेपी आलाकमान ने अनिल राजभर को सौंपी है. वहीं बीजेपी के लिए एक मजबूत पक्ष हरदोई का इतिहास भी है.


हरदोई सीट का इतिहास
20 साल से यहां जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव नहीं हुआ है. 20 साल से हरदोई सीट पर नरेश अग्रवाल के परिवार का ही कब्जा था. मतलब 20 साल तक अग्रवाल परिवार और उनके करीबी ही चुनाव जीतते रहे हैं और अब नरेश अग्रवाल बीजेपी में है. जिसका फायदा हरदोई में बीजेपी की प्रेमावती को मिल सकता है.


वहीं सपा की मुन्नी देवी की बात करें तो वह सुरसा प्रथम से जिला पंचायत सदस्य हैं. इन्होंने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है. सपा ने 42 सदस्यों के समर्थन का दावा किया. मतलब एसपी और बीजेपी दोनों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन हरदोई का सियासी गणित क्या कहता है पहले उसे भी समझना होगा.


हरदोई सीट का गणित



  • कुल सदस्य- 72

  • जीत के लिए- 37

  • भाजपा-13

  • सपा- 12

  • बसपा-09

  • आप-03

  • निर्दलीय-35


हरदोई के सियासी गणित के हिसाब से किसी भी दल के पास बहुमत नहीं है. मतलब यहां हार जीत की चाबी निर्दलीय उम्मीदवारों के हाथ में हैं.


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