6 बार MLA, कल्याण सिंह, मायावती और मुलायम समेत इन सरकारों में 5 बार मंत्री, पढ़ें हरिशंकर तिवारी का सियासी सफर
Hari Shankar Tiwari Profile: बीते कई सालों से जेल में बंद हरिशंकर तिवारी का मंगलवार को निधन हो गया. उनकी गिनती पूर्वांचल के दिग्गज बाहुबली नेताओं में हुआ करती थी.
Hari Shankar Tiwari Death: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम गोरखपुर में निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे. तिवारी के बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी (Vinay Shanker Tiwari) ने यहां बताया कि उनके पिता ने गोरखपुर (Gorakhpur) स्थित अपने आवास पर आखिरी सांस ली. विनय ने बताया कि उनके पिता पिछले तीन वर्षों से बीमार थे. वह दिल की बीमारी समेत कई रोगों से ग्रस्त थे.
कई दशकों तक पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले हरिशंकर तिवारी गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के टांडा गांव के निवासी थे. तिवारी ने वर्ष 1985 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. बाहुबली कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी उस समय जेल में बंद थे. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये. उसके बाद वर्ष 2002 तक वह लगातार छह बार निर्वाचित हुए.
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इन सरकारों में रहे मंत्री
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में वह पराजित हो गये. हरिशंकर तिवारी कांग्रेस पार्टी के अलावा कांग्रेस और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में रहे. वह अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के लंबे समय तक अध्यक्ष भी रहे. उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के नेता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले हरिशंकर तिवारी राज्य में कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकारों में वर्ष 1997 से 2007 तक लगातार कैबिनेट मंत्री भी रहे.
तिवारी के दो पुत्र हैं, जिनमें भीष्म शंकर तिवारी पूर्व में संत कबीर नगर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी अपने पिता की परंपरागत सीट चिल्लूपार का पिछली विधानसभा (2017-2022) तक बहुजन समाज पार्टी से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पूर्वांचल की राजनीति में कभी खासा दबदबा रखने वाल हरिशंकर तिवारी के निधन की खबर से उनके क्षेत्र में शोक की लहर है.