Uttarakhand News: रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा विवादित बयान दिया गया था. इसके बाद पूरे देश में स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध हुआ. साधु-संतों द्वारा भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई गई थी. इसके बावजूद भी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा ट्विटर पर साधु-संतों पर अमर्यादित टिप्पणी की है. इनके द्वारा कहा गया कि मेरे बयान का विरोध करने वाले संतों महंतों धर्माचार्य और जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए, महा शैतान या जल्लाद. इस बयान के बाद निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी (Kailashanand Giri) ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हिदायत देते हुए कहा कि साधु-संतों से माफी मांग लो, नहीं तो हमारे नागा संन्यासी आपको ठीक कर देंगे.


साधु-संतों से मांफी मांगने की चेतावनी दी


स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया, उसके बाद साधु-संतों पर उंगली उठायी. ऐसा लगता है कि उनकी बुद्धि खराब हो गई है, स्वामी प्रसाद मौर्य इस तरह के बयान देकर अन्य धर्मों से प्रेरित लगते हैं या इनको कोई लालच दिया गया है, क्योंकि बीजेपी से इन्हें कुछ मिला नहीं. इन्होंने बीजेपी को ठगने का काम किया और आज सनातन परंपरा पर विवादित बयान दे रहे हैं. यह स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए हानिकारक होगा. इनका कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य साधु-संतों से मांफी मांग लें, तो उनको क्षमा किया जाएगा. अगर साधु-संत क्रोधित हो गए, तो हमारे नागा संन्यासी आपको ठीक कर देंगे.


बता दें कि इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वामी प्रसाद मौर्या पर पलटवार करते हुए कहा कि साधु संत भगवान के भक्त हैं, ये किसी के कहने से जल्लाद और आतंकवादी नहीं हो जाएंगे. स्वामी प्रसाद मौर्या की खुद की मानसिकता जल्लाद पिशाच की है. इसी से प्रेरित होकर रामचरितमानस के लिए इन्होंने ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया.


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