Haridwar News: हरिद्वार श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल (Shri Panchayati Akhara Nirmal) में एक दिन पहले हुए विवाद के बाद अखाड़ा निर्मल के श्री महंत ज्ञानदेव ने अपनी जान का खतरा बताया है. जिस तरह अखाड़े में पंजाब से आए संतों को पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद आश्रम से खदेड़ा गया था उसे देखते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संत डरे हुए हैं. अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, डीजीपी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से अपनी सुरक्षा की मांग की है.


श्री महंत ज्ञानदेव की जान को खतरा
राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के श्री महंत ज्ञानदेव महाराज का कहना है कि "अखाड़े में जिस तरह की घटना हुई, अस्थियों के बहाने कुछ लोग अखाड़े में घुसे और अखाड़े के अध्यक्ष को बंधक बनाने का कार्य किया उसे देखते हुए मेरी जान को खतरा है. इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, डीजीपी और सभी अधिकारियों से मांग करता हूं कि मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए क्योंकि जो लोग अखाड़े की संपत्ति पर कब्जा करना चाहते हैं वो मुझे रास्ते से हटाना चाहते हैं" 


महंत ज्ञानदेव महाराज ने कहा कि "मैंने रामजन्म भूमि मंदिर आंदोलन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरा संबंध आज का नहीं है जब वह गुजरात में संगठन में कार्य करते थे तब से ही मेरे परिचित है. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सूचना गई तो शासन और प्रशासन में भी हड़कंप मच जाएगा. मुझे कल अखाड़े आए लोग बंधक बनाकर लेकर जाना चाहते थे मैं देश के गृहमंत्री से मांग करता हूं मुझे सुरक्षा दी जाए. अगर मुझे कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार नीचे से ऊपर तक सभी आला अधिकारी होंगे."


अखाड़े ने की सुरक्षा की मांग
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी जसविंदर सिंह का कहना है कि 1993 से अखाड़े के श्री महंत ज्ञान देव जी महाराज है कुछ लोग अखाड़े की संपत्ति पर कब्जा करना चाहते हैं जिनका अखाड़े से कोई संबंध नहीं है. उनके द्वारा शासन और प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है. हमारी मांग है कि जिस तरह की घटना अखाड़े में हुई ऐसी घटना भविष्य में ना हो. हमारे द्वारा पहले भी सुरक्षा की मांग की गई थी, अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव की सुरक्षा होना बहुत जरूरी है क्योंकि वह देश ही नहीं विदेश में भी भ्रमण करते हैं. 

श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की संपत्ति पर कब्जे को लेकर चल रहा यह विवाद कोर्ट में विचाराधीन है मगर उसके बावजूद जो घटना घटी उससे जिला प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. पंजाब से आए संत अखाड़े में घुस गए और उनको कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा खदेड़ा गया. अखाड़े के संतों द्वारा देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित डीजेपी से सुरक्षा की मांग की गई है. अब देखना होगा संतों की मांग पर कितनी जल्दी कार्य होता है.


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