Haridwar News: गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी द्वारा हर घर तिरंगे अभियान का विरोध किए जाने के को लेकर संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का बयान सामने आया है. परिषद ने यति नरसिंहानंद गिरी बयान की कड़ी निंदा की है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि तिरंगा हमारी आन बान और शान है. हर भारतीय को अपने घर पर तिरंगा लगाना चाहिए.  


अखाड़ा परिषद ने किया बयान से किनारा


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यति नरसिंहानंद गिरी जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं. लिहाजा उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए और तिरंगा हमारी आन बान शान हैं हर भारतीय को अपने घर पर तिरंगा लहराना चाहिए. यहीं नहीं अखाड़ा परिषद ने यति नरसिंहानंद गिरी के बयान से किनारा भी कर लिया. 


रवींद्र पुरी ने किया तिरंगे का समर्थन


वहीं इस दौरान जब उनसे तिरंगे बनाने का सबसे बड़ा ऑर्डर बंगाल की एक कंपनी को दिए जाने के बारे में सवाल किया गया तो महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि हमें इन बातों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए और सबको मिलकर तिरंगे की आन बान और शान का ध्यान रखना चाहिए. मुसलमानों पर उन्होंने बोलते हुए कहा कि मुसलमान कभी भी हिंदुओं का साथ नहीं रहा और मुसलमानों में हमेशा सनातन धर्म का विरोध ही किया है. लिहाजा अब समय आ गया है की देश की सत्ता मोदी जी के हाथों में हैं और सनातन धर्म को कोई भी हिला नहीं सकता. 


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जानिए क्या है मामला?


दरअसल यति नरसिंहानंद गिरी का एक बयान सामने आया ता जिसमें उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान का विरोध करते हुए कहा था कि "एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है तिरंगें के नाम जिसे सत्तारूढ़ पार्टी चलवा रही है. इसमें तिरंगे को बनाने का सबसे बड़ा ऑर्डर बंगाल की कंपनी को दिया है, जिसका मालिक मुस्लिम सलाउद्दीन है. हिन्दुओं का मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए, हर हिन्दू के घर पर हमेशा भगवा ध्वज होना चाहिए"


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