BJP सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी ही सरकार को घेरा, कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
Uttarakhand News: उत्तराखंड में बढ़ते अपराध को लेकर हरिद्वार से बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने प्रदेश की पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के पूर्व सीएम और हरिद्वार से मौजूदा बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी ही सरकार और पुलिस पर लॉ एंड आर्डर को लेकर निशाना साधा है. त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि मुझे काफी दिनों से चिंता थी कि पुलिस की जो ड्यूटी है पुलिस उसे न कर के दूसरे ही कामों में लगी है. हरिद्वार में हुई लूट की घटना को लेकर मैं एसएसपी हरिद्वार से बात की है, उन्होंने मुझे अस्वस्थ किया है कि जल्द ही इस घटना का खुलासा होगा और उन्होंने कुछ गिरोह पर शक भी जताया है.
बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले साल देहरादून में हुई एक बड़ी लूट का जिक्र भी किया. उनका कहना था कि पिछले दिनों जैसे देहरादून में एक बड़े ज्वेलरी शोरूम को लूटा गया वह भी उस दिन जब देश के राष्ट्रपति देहरादून के अंदर थे. उसे वक्त लूट की घटना को अंजाम दिया गया. वो भी सुबह के वक्त. हरिद्वार में भी जो घटना हुई है, उसे दोपहर 2 बजे के आसपास अंजाम दिया गया है. तो इस प्रकार की जो घटनाएं प्रदेश में हो रही हैं, वह चिंता का विषय बन जाती हैं.
बीजेपी सांसद ने उठाए पुलिस पर सवालिया निशान
इस घटना को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड की पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है. सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना था कि पुलिस को काफी सतर्क रहने की जरूरत है. अगर पुलिस सतर्क होती तो जो हरिद्वार में घटना हुई हैं, दोपहर 2:00 बजे और आधे घंटे के अंदर में वो नहीं होती. लोग घटना को अंजाम देकर हरिद्वार से लापता हो जाते हैं तो यह चिंता का विषय है. पुलिस को काफी सतर्क रहने की जरूरत है. पुलिस सतर्क नहीं थी तभी इस प्रकार की घटना घटी है.
''गुंडे बदमाशों में होना चाहिए पुलिस का खौफ''
वहीं बीजेपी सांसद और प्रदेश के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि पुलिस का खौफ गुंडे बदमाशों में होना चाहिए. उत्तराखंड बदमाशों की शरणस्थली न बन पाए. इसको पुलिस को सुनिश्चित करना होगा. शरीफ लोगों को यह लगना चाहिए कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद है. यह पुलिस को कर के दिखाना होगा, जो माफिया लोग हैं, जो गुंडे तत्व हैं, उनको यह लगना चाहिए कि अगर वह उत्तराखंड में जाएंगे तो वापस लौटकर नहीं आ पाएंगे. इस प्रकार की छवि हमारी पुलिस को बनानी होगी, वरना जिस तरह से लगातार घटनाएं हो रही हैं वो बेहद गलत है.
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