Har Ki Pauri News: धर्मनगरी हरिद्वार (Haridwar) में हर की पौड़ी कॉरिडोर बनाने की सरकार की घोषणा के बाद इस पर काम शुरू हो गया है. मंत्रिमंडल में भी इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है कि कॉरिडोर का विस्तार कैसे किया जाए. सरकार, संत समाज, धार्मिक संस्थाओं और व्यापारियों से वार्ता कर कॉरिडोर को बनाने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कॉरिडोर का विरोध भी शुरू हो गया है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कॉरिडोर बनाने की कोई जरूरत नहीं है. उत्तराखंड में अच्छी सड़कें बनाई जाए और पहाड़ों को बचाना सबसे बड़ी जरूरत है. वहीं अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्रपुरी ने सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर कहा कि बाहर का व्यक्ति यहां विकास कार्य होने पर अड़ंगा डालेगा तो अखाड़े इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.
हर की पौड़ी कॉरीडोर की रूपरेखा पर काम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हर की पौड़ी कॉरिडोर बनाने की रुपरेखा तैयार की जा रही है. सभी के सहयोग से दिव्य और भव्य हरिद्वार बनाने का जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. हमारे मंत्रिमंडल में इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है कॉरिडोर बनाने के लिए साधु संत धार्मिक संस्थाएं और व्यापारियों के सुझाव लिए जाएंगे, जिससे कॉरिडोर को भव्य तरीके से बनाया जा सके.
हरिद्वार में कॉरीडोर बनाने का पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा विरोध किया जा रहा है. उनका कहना है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी कॉरिडोर बनाने की कोई जरूरत नहीं है उत्तराखंड में अच्छी सड़कों का निर्माण किया जाना चाहिए. पहाड़ों को तोड़ा ना जाए जिससे उत्तराखंड की सुंदरता खराब न हो. हर की पौड़ी पर कॉरिडोर बनाने का काम नहीं करना चाहिए.
अखाड़ा परिषद ने सुब्रमण्यम स्वामी का विरोध किया
वहीं इस मुद्दे पर अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने सुब्रमण्यम स्वामी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार के विकास के लिए शासन प्रशासन द्वारा कहा गया है. इसमें संतों की राय ली जाएगी. साधु संत अपनी राय शासन प्रशासन को देंगे. हरिद्वार के विकास की बात आएगी और बाहर का व्यक्ति आकर इसका विरोध करेगा तो अखाड़े इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. कॉरिडोर में आवश्यकता के अनुसार निर्माण कार्य होने चाहिए क्योंकि लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं.
अगर व्यापारी और स्थानीय निवासियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो तो इसका अखाड़े समर्थन करेंगे. इनका कहना है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में हमारे अखाड़े के दो मंदिरों की जमीन गई थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से वार्ता कर तीन गुना मुआवजा दिया था. साधु संतों ने इसका स्वागत किया था. विकास के कार्य होते रहने चाहिए इसका विरोध नहीं करना चाहिए.
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