Chaitra Navratri 2023: हरिद्वार में चैत्र नवरात्रि पर भक्तों का सैलाब, जानिए मां मनसा देवी की पूजा का महत्व
Mansa Devi Temple: ललित आनंद गिरि ने बताया कि मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मनसा देवी की पूजा करता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं. साधक के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं.
Haridwar News: हरिद्वार में इस समय नवरात्र की धूम है. यहां के मंदिरों में भक्तों को सैलाब उमड़ रहा है. हर कोई मां को प्रसन्न करने के प्रयास में लगा है. हरिद्वार में वेसे तो मां के कई मंदिर हैं. यहां पर देवियों के मंदिरों का त्रिकोण है. इनमें नील पर्वत पर मां चंडी देवी (Chandi Devi) का मंदिर है तो दूसरी ओर शिवालिक पर्वत माला पर मां मनसा देवी (Mansa Devi) का मंदिर. वहीं इन दोनों के बीच मां माया देवी (Maya Devi) का मंदिर स्थापित है. नवरात्र में तो जो भी सच्चे मन से मां दुर्गा के अनेक रूपों की पूजा-अर्चना करता है. माना जाता है कि उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. नवरात्रों में मां के अनेक रूपों की पूजा करने का अलग महत्त्व भी होता है.
मनसा देवी की आराधाना से दूर होते हैं कष्ट
यहां आए एक यात्री ललित आनंद गिरि ने बताया कि शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मनसा देवी की पूजा कर लेता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं. इससे साधक के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि मां मनसा उनका वरन कर लेती हैं. यही नहीं, नवरात्र में मनसा देवी की आराधना करने का विशेष लाभ होता है. इसके लिए हरिद्वार के स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश के कोने-कोने से श्रदालु नवरात्रों में मां मनसा देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं.
जानिए, क्यों हुआ था मां मनसा का अवतार
मनसा देवी मंडी समिति, हरिद्वार के अध्यक्ष और महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि पुराणों के अनुसार प्राचीन काल में महिसासुर नामक राक्षस देवताओं और मनुष्यों पर भयंकर अत्याचार कर रहा था. ऐसे में जब महिसासुर के अत्याचार से सभी दुखी हो गए, तब देवताओं के मन में आया कि ऐसी कोई शक्ति का अवतरण होना चाहिए, जो महिसासुर का संहार कर सके. देवताओं के मन से निकली प्रार्थना पर मां दुर्गा ने मन से अवतार लिया और महिसासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. मां दुर्गा के इस स्वरुप का अवतार मन से हुआ था, इसीलिए मां के इस स्वरुप का नाम मनसा देवी पड़ा. मां मनसा देवी तब ही से शिवालिक पर्वत पर विराजमान हैं. मंदिर समिति के अध्यक्ष महेंद्र उदयपुर का कहना है कि मनसा देवी शिव की पुत्री हैं, जो नवरात्रों में मां की पूजा करने आता हैं, उसकी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि आज के समय में मनसा देवी जाने के लिए उड़न खटोला, शिर्डी मार्ग और पैदल वाले मार्ग से जाने के विकल्प मौजूद हैं.
देवताओं ने की थी मां दुर्गा से प्रार्थना
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार के मुख्य पुजारी गणेश शर्मा ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में महिसासुर नामक राक्षस देवताओं और मनुष्यों पर अत्याचार कर रहा था. महिसासुर के अत्याचार से सभी दुखी हो गए, तब देवताओं ने मां दुर्गा से महिषासुर का वध करने की प्रार्थना की. देवताओं के मन से की गई प्रार्थना पर मां दुर्गा ने अवतार लिया और महिसासुर का संहार कर अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. मां दुर्गा के इस स्वरुप का अवतार मन से हुआ था, इसीलिए मां के इस स्वरुप का नाम मनसा देवी पड़ा और माँ मनसा देवी तब ही से शिवालिक पर्वत पर विराजमान हैं.