Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) जिले की एक अदालत ने 11 साल पहले हुई एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता की हत्या के मामले में शुक्रवार को तीन आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैज की सजा सुनाई. हरिद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) मुकेश चंद आर्य ने तीनों दोषियों पर 21-21 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं इस मामले के एक और आरोपी सोमलाल की मुकदमा विचाराधीन होने के दौरान मौत हो गयी थी. 


शासकीय अधिवक्ता अनुज कुमार सैनी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पथरी क्षेत्र के फेरूपुर गांव में 14 फरवरी 2012 की रात आठ बजे आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद चौहान की हत्या कर दी गई है. मृतक जगदीश सेवानिवृत्त शिक्षक थे, उनके घर के पास ही खेत में बड़ी निर्ममता से सिर पर ईंट मार-मारकर हत्या कर दी गई थी. 


ईंट से सिर कूंचकर की हत्या
वकील अनुज कुमार सैनी ने बताया कि जगदीश चौहान की चीख सुनकर उनके बेटे गुण बहादुर और गौरव दीप मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने देखा कि चार लोग उनके पिता के सिर पर पत्थरों से हमला कर रहे थे. उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों को देखकर चारों हमलावर उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी और वहां से भाग गए. इसी दौरान शोर सुनकर वहां आस-पड़ोस के लोग पहुंचे, लेकिन तब तक आरटीआई कार्यकर्ता की मौत हो चुकी थी. 


इसके बाद गुण बहादुर ने फेरूपुर गांव के निवासी बबलू, धर्मजीत और सोमलाल तथा धनपुरा गांव के दिलीप राणा के खिलाफ हत्या करने एवं जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया था. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि चौहान ने आरोपियों के संबंध में आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी, जिसे लेकर वो नाराज चल रहे थे और फिर मौका देखकर जब उनके पिता खेत में गए थे तो ईंट से सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी. 


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