हिंदू धर्म के प्रवित्र तीर्थ स्थलों में से एक हरिद्वार है. यहां हर साल देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु घूमने आते हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक दक्ष प्रजापति ने यहां यज्ञ का आयोजन कराया था. यहां कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं जिसका संबंध प्राचीन काल से है. आज हम आपको गंगा किनारे बसा हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं. 


मनसा देवी मंदिर


हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर देवी मनसा को समर्पित है. जिन्हें मां शक्ति का एक स्वरूप माना गया है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी मनसा की उत्त्पति भगवान शिव के मस्तिष्क से हुआ है. मनसा देवी का विवाह जगत्कारू के साथ हुआ था और उनके पुत्र का नाम आस्तिक है. इसके अलावा मनसा देवी को नागों के राजा वासुकी की बहन भी माना जाता है. ये मंदिर हरिद्वार से 3 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला के बिलवा पर स्थित है. 




माया देवी मंदिर 


हरिद्वार स्थित यह मंदिर देवी माया को समर्पित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवी सती के शरीर खंडित हुआ था तब उनकी नाभि और हृदय इसी स्थान पर गिरा था. मंदिर के गर्भ गृह में देवी माया, देवी काली और देवी कामाख्या की मूर्ति स्थापित है. नवरात्रि के समय यहां देशभर से श्रद्धालु माया देवी के दर्शन करने आते हैं. मंदिर का कपाट सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से लेकर 8 बजे तक खुला रहता है. 


नीलेश्वर मंदिर 


यह मंदिर नील पर्वत पर स्थित है. इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग, भगवान शिव की प्रतिमा और नंदी की प्रतिमा स्थित है. इसके अलावा भगवान गणेश और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थित हैं. मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है. 


पवनधाम मंदिर 


हरिद्वार स्थित पवनधाम मंदिर की स्थापना स्वामी वेदांत नंद महाराज ने की थी. यहां भगवान के दर्शन करने के अलावा अन्य कई एक्टिविटी कर सकते हैं यहां योग कक्षा और दुकाने स्थित हैं इसके अलावा यहां के आसपास की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग भी कर सकते हैं. ये मंदिर भी सुबह 6 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक खुला रहता है. 


वैष्णो देवी मंदिर 


इस मंदिर का निर्माण जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर के आधार पर बनाया गया है. वैष्णो देवी मंदिर जाने का रास्ता सुरंग और गुफाओं से होकर है. मंदिर के गर्भगृह में देवी लक्ष्मी, देवी काली और देवी सरस्वती स्थापित हैं. 




दक्ष महादेव मंदिर


हरिद्वार स्थित दक्ष महादेव मंदिर देश के प्रचीन मंदिरों में से एक है. यह भगवान शिव और देवी सती को समर्पित है. इस मंदिर का नाम देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति के नाम पर रखा गया है. इस मंदिर को दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. दक्ष महादेव मंदिर का निर्माण साल 1810 में रानी धनकौर ने करवाया था इसके बाद साल 1962 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया.


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