Uttarakhand News: 2025 तक 'नशा मुक्त देवभूमि अभियान' के तहत हरिद्वार पुलिस को आज (शुक्रवार) बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने लाखों की स्मैक के साथ दंपति समेत चार तस्करों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से डिजिटल तराजू, एक कार और 14 हजार कैश की भी बरामदगी हुई है. एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि ड्रग्स तस्करों से पूछताछ की गई है. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि तस्कर बरेली से स्मैक लाकर हरिद्वार में स्कूली बच्चों के बीच सप्लाई करते थे. उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों को नशे का आदी बनाया जा रहा था. पुलिस ने तस्करों के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया.


ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़


एसएसपी ने बताया कि ड्रग्स तस्करी के आरोप में दंपति जेल की हवा भी खा चुके हैं. उन्होंने कहा कि ड्रग्स तस्करी की रोकथाम के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. थाना प्रभारियों को आदेश दिया गया है कि ड्रग्स तस्करों को मंसूबे में कामयाब नहीं होने दें. कार्रवाई के लिए पुलिस टीम का भी गठन किया गया है. देवभूमि को नशा मुक्त करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब्त स्मैक की कीमत बाजार में करीब 30 लाख रुपये आंकी गई है.


दंपति समेत तस्कर अरेस्ट


पुलिस ने कार्रवाई ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में की. उन्होंने बताया कि मुखबिर से स्मैक तस्करी की सूचना प्राप्त हुई थी. सूचना मिलने के बाद मौके पर छापेमारी की गई. छापेमारी में दंपति समेत चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में आरोपियों के पास से लाखों की स्मैक, डिजिटल तराजू, एक कार और 14 हजार नकदी बरामद की गई. एसएसपी के मुताबिक कार से उत्तराखंड में ड्रग्स तस्कर आए थे. बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने साल 2025 तक देवभूमि को नशा मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 


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