![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Kumbh 2021: सीएम रावत बोले- भव्य और सुरक्षित महाकुंभ के लिए तैयार है धर्मनगरी हरिद्वार
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ 2021 को लेकर ट्वीट किया है. सीएम ने कहा कि महाकुंभ के लिए हरिद्वार तैयार है.
![Kumbh 2021: सीएम रावत बोले- भव्य और सुरक्षित महाकुंभ के लिए तैयार है धर्मनगरी हरिद्वार Haridwar is ready for grand and safe Mahakumbh says CM Trivendra Singh Rawat Kumbh 2021: सीएम रावत बोले- भव्य और सुरक्षित महाकुंभ के लिए तैयार है धर्मनगरी हरिद्वार](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/03/19010534/Trivendra-Singh-Rawat.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
हरिद्वार. धर्म नगरी कही जाने वाली हरिद्वार में लगने वाले महाकुंभ मेले को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. महाकुंभ को देखते हुए श्रद्धालुओं की जरूरतों के लिए सभी तैयारियां की गई है. साथ ही कुंभ में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कुंभ की तैयारियों को लेकर एक ट्वीट किया है. सीएम रावत ने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी टैग किया है, जिसमें हरिद्वार में कुंभ की तैयारियों को दिखाया गया है.
सीएम रावत ने ट्वीट कर लिखा, "दिव्य, भव्य और सुरक्षित महाकुंभ के लिए पूरी तरह तैयार है, धर्मनगरी हरिद्वार. जय मां गंगे, हर-हर गंगे.
दिव्य, भव्य और सुरक्षित महाकुंभ के लिए पूरी तरह तैयार है, धर्मनगरी हरिद्वार।
जय माँ गंगे, हर-हर गंगे! #Mahakumbh2021 pic.twitter.com/NwjF90KCTe — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) January 29, 2021
बता दें कि कुंभ मेला देश में चार जगहों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है. इस बार कुंभ मेला धर्म नगरी हरिद्वार में होगा. इसकी महत्ता को देखते हुए यूनेस्को भारत के कुंभ मेले को 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर' के तौर पर मान्यता दे चुका है.
कुंभ मेले की मान्यता कहा जाता है कि एक बार देवों से उनकी शक्तियां छीन ली गई थी. अपनी ताकत फिर से हासिल करने के लिए वे असुरों के साथ सागर का मंथन कर अमृत निकालने के लिए सहमत हुए. देवों और असुरों में सहमति बनी कि दोनों आपस में अमृत की बराबर हिस्सेदारी करेंगे. दुर्भाग्यवश, देवों और असुरों में सहमति नहीं बनी और दोनों 12 साल तक एक दूसरे से लड़े. इसी दौरान गरुण अमृत से भरे कलश को लेकर उड़ गया. माना जाता है कि कलश में से अमृत की बूंदें चार जगहों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिर गई. इसीलिए इन चार स्थानों पर ही कुंभ मेला लगता आया है.
ये भी पढ़ें:
माघ मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं मौनी बाबा, 44 सालों से त्यागा है अन्न और नमक
हरिद्वार महाकुंभ में लगाए जाएंगे 350 सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शशांक शेखर झा, एडवोकेट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/9b8abdc403deb156892be83734d70d7b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)