Uttarakhand News: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. विश्वविद्यालय की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ विवादित नारे लिखे गए. जाति विशेष के खिलाफ लिखी गई इन बातों से संत समाज काफी आक्रोशित नजर आ रहा है. हरिद्वार (Haridwar) में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी (Kailashnand Giri) ने कहा कि सुधर जाओ नहीं तो हम 10,000 नागा सन्यासी जेएनयू भेजकर तुम्हें सुधार देंगे. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाने की मांग की है. 


निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि जेएनयू में ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ दीवारों पर विवादित शब्द लिखे गए हैं. ऐसे विवादित टिप्पणियों से कट्टरपंथी लोग भारतीय संस्कृति को बिगाड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू में हुई यह घटना बहुत ही निंदनीय है क्योंकि जेएनयू से कई ऐसे विद्वान निकले हैं जिन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है. इनका कहना है कि ऐसे कितने लोग हैं जो खून खराबा करना चाहते हैं.


पीएम को न लाना पड़ जाए कानून - महामंडलेश्वर


आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा, 'अगर हमें ज्यादा तंग किया जाएगा तो हम 10 हजार नागा सन्यासी जेएनयू में भेज देंगे. फिर ऐसे लोग क्या करेंगे ऐसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री को लाकर ना खड़ा कर दें कि उनको आपके लिए व्यक्तिगत कानून बनाना पड़ जाए जिससे आप भयभीत हो जाएं. इनका कहना है कि कुछ कट्टरपंथियों के कारण पूरे समाज पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. आतंकवादी और देशद्रोही की कोई जाति नहीं होती है इसलिए में सरकार से आग्रह करता हूं कि कड़ा कानून बनाया जाए और ऐसे लोगों को दंडित किया जाए.' 


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