Nameplate Controversy: उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी कावड़ यात्रा को लेकर ठेला रेडी और ढाबे वालों को अपना प्रोपराइटर लिखने अपना लाइसेंस तथा अपना आधार कार्ड पास रखने के लिए कहा गया है. बता दे कि उत्तराखंड में हरिद्वार में कावड़ मेला होता है. इस दौरान यहां पर करोड़ों की संख्या में कावड़ लेने कावड़िए आते हैं.


हरिद्वार के डीएम धीरज गरबियाल से एबीपी लाइव ने बात की तो उनका कहना था कि हमने नगर निगम को आदेश दिया है कि जो भी लाइसेंस उनके द्वारा जारी किए जाते हैं. उन लाइसेंस को अस्थाई रूप से ठेला रेडी तथा ढाबा लगाने वाले लोगों को लगाना होगा. क्योंकि हर साल बहुत से अन्य राज्यों से लोग भी यहां पर आते हैं. जिससे यात्रा के दौरान कई प्रकार की घटनाएं देखने को मिली है. इससे बचने के लिए इस प्रकार का फैसला दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सत्यापन को लेकर कार्रवाई चल रही है. लगातार लोगों का सत्यापन किया जा रहा है.


'ये प्यार मोहब्बत से चलने वाला देश है'
कांग्रेस प्रवक्ता शिशुपाल सिंह ने एबीपी लाइव से कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने कावड़ यात्रा के दौरान ठेला रेडी वालों को आदेश दिया है. वह अपने संस्थानों पर अपने नाम पट्टिका लगाएंगे. जिससे उनके धर्म की पहचान हो सके यह सब उसे देश में किया जा रहा है. जिसे धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है. ये प्यार मोहब्बत से चलने वाला देश है यहां नफरत के लिए कोई जगह नहीं है. विपक्ष लगातार इस बात को बोल रहा है कि संविधान खतरे में है. इन सब घटना से यह साफ जाहिर होता है कि संविधान को कितना खतरा है. विपक्ष की बात एकदम सही है.


'इससे प्रदेश की जनता को बेहद लाभ होगा'
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने जिस तरह से ठेला रेडी वालों के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया है. इससे प्रदेश की जनता को बेहद लाभ होगा. कुछ लोग ठेला रेडी पर मिलावट वाली सब्जी बेचते हैं. लाइसेंस उनके पास होगा तो वह इस प्रकार के कामों को नहीं करेंगे. इससे प्रदेश की जनता को फायदा होगा. क्योंकि लाइसेंस बनाते समय काफी तरह की जांच पड़ताल की जाती है. इससे लोगों में डर बैठेगा और वह मिलावट का काम नहीं करेंगे.


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