Watch: कलयुग का श्रवण कुमार! मां को कांवड़ में बैठाकर भगवान शिव के दर लेकर चल पड़ा बेटा
Haridwar Kanwar Yatra: हरिद्वार में इस साल 4 करोड़ से अधिकर लोग गंगा जल लेने पहुंचे हैं. 4 जुलाई से शुरू होने वाली इस यात्रा में एक पखवाड़े तक हरिद्वार में बम- बम भोले की जयकारे गुंजायमान रहेगी.
Kanwar Yatra 2023: पवित्र सावन माह शुरुआत के साथ ही देश भर से कांवड़ यात्रा के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ पड़ी है. इस बार सावन माह 58 दिनों का होगा. मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव की अराधना से सारी मान्यताएं पूरी होती हैं. वर्तमान में भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अध्यात्म, संस्कृति और सगे संबंधियों से दूर भागते हैं, तो वहीं इस पवित्र कांवड़ यात्रा में एक तस्वीर आपका मन मोह लेगी. कलयुग में बच्चे अपने मां- बाप से किनाराकशी अख्तियार कर रहे हैं, इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो इस जमाने में भी श्रवण कुमार की तरह समाज के लिए एक आदर्श मिसाल पेश कर रहे हैं.
ये तस्वीर हरिद्वार से है, जहां एक युवक गंगा नदी से कांवड़ यात्रा के लिए जल लेकर आ रहा है. युवक ने अपने कांवड़ की एक तरफ जलाभिषेक के लिए पवित्र गंगा का जल तो दूसरी तरफ अपनी मां को लटकाये हुए हरिद्वार से अपने घर की तरफ जा रहे हैं. न्यूज एजेंसी ने इस वीडियों को अपने आफिशियल सोशल मीडिया पर शेयर किया है. वीडियो देर शाम शेयर करते ही 5 से हजार अधिक बार देखा जा चुका है, जबकि चार सौ के करीब लोगों ने लाइक किया और 50 से अधिक लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
पखवाड़े भर हरिद्वार में रहेगी बम-बम भोले की गूंज
सावन का महीना शुरू होने के साथ ही मंगलवार (4 जुलाई) से कांवड़ यात्रा आरंभ हो गया और गंगा जल भरने के लिए कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां से गंगा जल लेकर वापस जाएंगे और अपने गांव और क्षेत्र के शिवालयों में शिव त्रयोदशी के दिन शिव का जलाभिषेक करेंगें. अब एक पखवाड़े तक हरिद्वार मे भोले बम और बम-बम की गूंज रहेगी.
कांवड़ का श्रवण कुमार की कथा से क्या है संबंध?
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि सबसे पहले गुरू द्रोणाचार्य ने हरिद्वार से कांवड़ में गंगा जल भरकर मेरठ के पास पुरा महादेव मंदिर मे भगवान शिव का जलाभिषेक किया था. उन्होंने बताया कि कांवड़ को श्रवण कुमार की कथा के साथ भी जोड़ा जाता है, जिन्होंने अपने अंधे मां- बाप को कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा कराई थी. इस वर्ष चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने का अनुमान है जिसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया है.
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