Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों और मजारों को पर्दों से ढके जाने से शुरू हुए विवाद के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने कुछ घंटों के बाद ही उन्हें उतारना शुरू कर दिया. हालांकि, यात्रा मार्ग पर शराब की दुकानों के आगे लगाए गए पर्दों को नहीं हटाया गया है. शराब की दुकानों के बाहर भी इस बार पहली बार पर्दे लगाए गए हैं.


मस्जिद के सदर अनवर अली ने बताया यह जो मस्जिद के सामने परदा लगाया था यह प्रशासन ने लगाया था प्रशासन की गाड़ी आई थी उन्होंने यह पर्दा लगवाया था. मगर आज प्रशासन के लोगों द्वारा यह पर्दा मस्जिद के आगे से हटा दिया गया है, यह पर्दा पहले कभी नहीं लगा आप पहली बार यह पर्दे मस्जिद के आगे प्रसाद द्वारा लगाए गए हैं. पर्दा लगाने का कारण तो प्रशासन को ही पता होगा इसके बारे में तो प्रशासन ही बताएगा जबकि मर्जी तो चारों तरफ से दिखाई दे रही थी. 


उन्होंने कहा कि पर्दा लगाने का तो कोई लाभ नहीं हुआ जब से कांवड़ यात्रा शुरू हुई है जब से यहीं से ही टावर लेकर कावड़िया जाते हैं पहले तो कभी कोई दिक्कत नहीं हुई अब हम कैसे मान लें कि कौड़ियों के हिसाब से यह पर्दा लगाया गया है. कांवड़ तो नहीं सालों से चलती ही आ रही है अब इसका तो प्रशासन नहीं बता सकता है यह पर्दा किस कारण यहां पर लगाया गया था. आज जुम्मे की नमाज भी यहां पर हुई लोगों ने मस्जिद में जुम्मे की नमाज भी पड़ी जब भी कोई दिक्कत परेशानी होती है तो पुलिस प्रशासन अपनी फोर्स यहां पर लगा देता है. मगर आज तक यहां पर कोई भी गलत काम नहीं हुआ है लगातार यहां पर प्रशासन की तरफ से ड्यूटी लगाई जाती है.


वहीं इस पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारी बात करने से बच रहे हैं.  कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि कांवड़ यात्रा व्यवस्थित रूप से चले इसके लिए मस्जिद और मजारों को ढका गया है. प्रशासन के निर्देश पर मस्जिदों और मजारों के आगे लगे पर्दे हटाने पंहुचे कांवड़ मेले के एसपीओ (पुलिस की सहायता के लिए तैनात स्वयंसेवक) दानिश अली ने बताया कि पुलिस चौकी से उन्हें पर्दे हटाने का आदेश मिला है और इसलिए वह उन्हें हटाने आये हैं. इससे पहले, कांवड़ यात्रा के दौरान मस्जिदों और मजारों को कभी नहीं ढका नहीं जाता था.


ज्वालापुर स्थित मजार कें प्रबंधक शकील अहमद ने कहा कि इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कई दशकों से यहां से कांवड़िए गुजर रहे हैं, वे मजार के बाहर पेड़ की छाया में आराम करते हैं और चाय वगैरह पीते हैं. अहमद ने कहा कि पता नहीं इस बार ऐसा क्यों किया गया.


कांग्रेस नेता नईम कुरैशी ने कहा कि 65 साल की अपनी उम्र के दौरान उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा . उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले प्रशासन ने बैठक की थी और हिंदु और मुसलमान दोनों समुदायों से ही एसपीओ बनाये गए थे. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में हिंदु और मुसलमान सभी सहयोग करते हैं.


एजेंसी इनपुट के साथ


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