हरिद्वार: कुंभ के बारे में एक कहावत आपने जरूर सुनी होगी कि जब भीड़ ज्यादा होती है तो अपने ही अपनों से बिछड़ जाते हैं, जो सालों साल तक अपने परिवार से नहीं मिल पाते. लेकिन इस बार कुंभ में ऐसा नहीं होगा क्योंकि कुंभ पुलिस ने इसके लिए एक नया प्लान तैयार किया है. ताकि बुजुर्ग और बच्चे अपने परिवार से बिछड़ जाएं तो उनको उनके परिवार तक आसानी से पहुंचाया जा सके.


हरिद्वार में महाकुंभ की शुरुआत भले ही अभी ना हुई हो लेकिन व्यवस्थाएं दुरुस्त जरूर की जा रही हैं. कुंभ को लेकर यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी कि कुंभ के बिछड़े 12 साल बाद मिले. लेकिन इस बार कुंभ में बच्चे और बुजुर्ग अपनों से नहीं बिछड़ेंगे. यदि बिछड़ भी जाते हैं तो उन्हें आसानी से परिवार से मिला जा सकेगा क्योंकि मेला पुलिस इसके लिए अनूठा प्लान तैयार कर रही है.


दरअसल, कुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं और उन में बुजुर्ग और बच्चे शामिल होते हैं. कुंभ मेला पुलिस ने महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के साथ मिलकर एक प्लान बनाया है. इस बार मेले में परिजनों के साथ आने वाले बच्चों की जेब में बाल पहचान पत्र पर्ची रखी जाएगी. जिसमे उनका नाम माता-पिता का नाम, आधार नंबर, पता और हरिद्वार में ठहरने के स्थान के साथ मोबाइल नंबर भी लिखा जाएगा. एक पर्ची संस्था और पुलिस के पास होगी. जिसकी सहायता से बच्चों को उनके परिवार से आसानी से मिलाया जा सकता है. वहीं बुजुर्गों का ऑनलाइन पंजीकरण कराया जाएगा.


पुलिस के सामने होगी ये बड़ी चुनौती


मेला पुलिस की इस पहल से कुंभ में आने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा क्योंकि जिनके बच्चे और बुजुर्ग अपनों से बिछड़ जाते हैं उनको आसानी से उनके परिवार से मिलाया जा सकेगा. ऐसे में मेले में आने वाले तमाम लोग भी पुलिस की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं.


हालांकि बिछड़े बुजुर्गों और बच्चों को अपनों से मिलाने की यह पहल पुलिस का सराहनीय कदम है. लेकिन भारी भीड़ में हर बच्चे और बुजुर्ग का रजिस्ट्रेशन करना भी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. वहीं कुंभ मेला पुलिस की यह पहल कितनी कारगर साबित होगी ये भी कुंभ के बाद ही पता लगेगा.


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