Haridwar Kumbh 2021: कुंभ को लेकर संतों की नाराजगी जारी, मेला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
संतों का आरोप है कि सरकार और मेला प्रशासन कुंभ को लेकर गंभीर नहीं नजर आ रहा है. संतों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि हरिद्वार आने वाले बैरागी संतों और खालसों के लिए अभी किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.
हरिद्वार: हरिद्वार में महाकुंभ को लेकर एक बार फिर संतों की नाराजगी सामने आई है. इस बार यह नाराजगी कुंभ की अवधि को लेकर नहीं है बल्कि संतो के टेंट ना लगाए जाने को लेकर है. बैरागी अणि अखाड़े पहले से ही इस बात को लेकर सरकार से नाराज हैं. अब निर्मोही अखाड़े के सतों ने टेंट समेत अन्य व्यवस्था न करने को लेकर नाराजगी जताई है.
हरिद्वार में महाकुंभ 1 महीने का होगा. लेकिन इस 1 महीने के लिए भी सरकार की व्यवस्थाएं क्या होंगी इसको लेकर अभी भी सवाल बना हुआ है. हालांकि मेला प्रशासन कुम्भ के काम पूरे होने के दावा कर रहा है. लेकिन धरातल पर कुछ और ही है. यही वहज है कि सन्त भी नाराज हैं. संतों का यह आरोप है कि मेला भले ही 1 महीने का हो इसका स्वागत किया जाएगा. लेकिन जो साधु संत हरिद्वार कुंभ में आएंगे उनके ठहरने की व्यवस्था कहां होगी. निर्मोही अखाड़े के संतों ने सरकार से नाराजगी जताई है और टेंट ना लगाए जाने को लेकर मेला प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संतों का आरोप है कि सरकार और मेला प्रशासन कुंभ को लेकर गंभीर नहीं नजर आ रहा है.
बैरागी संतों की नाराजगी सामने आने लगी है
कुंभ की रौनक साधु संतों से ही होती है ऐसे में हरिद्वार में साधु संतों का आगमन नहीं होगा तो कुंभ जैसा माहौल भी नहीं बन सकता. इसी बात को लेकर हरिद्वार में साधु-संत पिछले लंबे समय से सरकार से नाराजगी जता रहे हैं. अब सरकार ने कुंभ की अवधि को भी एक महीने का कर दिया है. लेकिन संतों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि हरिद्वार आने वाले बैरागी संतों और खालसों के लिए अभी किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि दूसरे अखाड़ों में सरकार खूब व्यवस्थाएं करा रही हैं. लेकिन जहां बैरागी और खालसो के टेंट लगने हैं वहां अभी किसी भी तरह की सुविधा नहीं है.
कुंभ के दौरान हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे उनमें बैरागी अणि अखाड़ों के भी संत शामिल होंगे. इसके साथ ही दिगंबर निर्मोही और निर्माणी अखाड़े के तकरीबन 900 खालसों के संत और अनुयायी भी हरिद्वार पहुंचेंगे. लेकिन फिलहाल इन सभी के ठहरने की हरिद्वार में कोई व्यवस्था नहीं है जिसको लेकर बैरागी संतों की नाराजगी सामने आने लगी है.
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