Haridwar Kumbh: प्रतीकात्मक होगा आखिरी शाही स्नान, कोविड गाइडलाइन्स का पालन करेंगे साधु-संत
हरिद्वार महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान को लेकर आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने बताया कि संन्यासी अखाड़ों के पदाधिकारियों से बातचीत हुई है. संतों ने आश्वासन दिया है कि सीमित संख्या में स्नान होगा और कोविड की गाइडलाइन का पालन करेंगे.
हरिद्वार: धर्म नगरी हरिद्वार महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा पर इस बार आम श्रद्धालु साढ़े नौ बजे तक हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकेंगे. इसके बाद पूरा हरकी पैड़ी क्षेत्र संतों के शाही स्नान के लिए रिजर्व होगा. सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे. खास बात ये है कि इस दौरान हाईवे को भी खुला रखा जाएगा. हालांकि, जब जुलूस हाईवे पर पहुंचेगा तो कुछ देर के लिए यातायात को डायवर्ट किया जाएगा.
कोविड गाइडलाइन्स का पालन होगा
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि इस बार पेशवाई में संतों की संख्या भी कम होगी और वाहनों का भी कम से कम प्रयोग किया जाएगा. बैरागी और संन्यासी अखाड़ों के संतों ने मेला पुलिस-प्रशासन को आश्वासन दिया है कि सीमित संख्या में संत स्नान करेंगे और कोविड की गाइडलाइन का पालन करेंगे.
100 साधु-संतों ही रहेंगे.
हरिद्वार महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान को लेकर आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने बताया कि संन्यासी अखाड़ों के पदाधिकारियों से बातचीत हुई है. संन्यासी अखाड़ों के पदाधिकारियों से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान को प्रतीकात्मक रूप से शारीरिक दूरी के साथ छोटा करने की अपील की गई. संजय गुंज्याल ने बताया कि शाही स्नान के दौरान अधिकतम 100 साधु-संतों ही रहेंगे.
स्नान को लेकर तैयारियां पूरी हैं
वहीं, अखाड़ों के संतो का कहना है कि शाही स्नान प्रतीकात्मक ही किया जाएगा. स्नान के लिए अखाड़ों से 100 संत ही जाएंगे. निरंजनी अखाड़े के सचिव दिनेश गिरी ने बताया की स्नान को लेकर सभी तैयारियां पूरी हैं. कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा.
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